चाहे धरती हो या आकाश बिन माँ के ये भी रहे उदास । बच्चों की हों पूरी हर आस रब से करें यही माँ अरदास ॥ रखती न कभी माँ अवकाश खुशियों के लिए रखें उपवास । माँ का आंचल न जाने क्यों है खुदा भी करता है तलाश ॥ […]

बचपन के दिन कितने है हसीन । मजा नहीं आएं दोस्तों के बिन ।। नीर में ढूंढे रेत खेलते ऐसे खेल । कभी मिट्टी आएं कभी आएं रेत ।। नीर में देख छवि भरें किलकारी । घर बनाने की कर रहें नन्हे तैयारी ।। गोपाल कौशल नागदा मध्यप्रदेश Post Views: […]

हिन्दी मेरा परिचय हैं हिन्दी मेरा शब्दालय हैं । मुझको रखती चैतन्य हिन्दी गंगा-हिमालय हैं । हिन्दी मेरा विद्यालय हैं हिन्दी मेरा पुस्तकालय हैं । पारस – मोती जैसे शब्द हिन्दी मेरा देवालय हैं ।। हिन्दी में हीं माँ सुना हैं हिन्दी बचपन का झूला हैं । जीवन का ऊर्जावान […]

नवाचारों में अग्रणी सुविचारों का धनी इरादों में हिमालय ह्रदय से प्रशांत विजय से विक्रांत राधाकृष्णन जैसा शांत होता है शिक्षक । युधिष्ठिर जैसा धर्मी भागीरथ जैसा कर्मी कर्ण जैसा दानवीर अर्जुन जैसा लक्ष्य चीर चाणक्य जैसा बुद्धिमान होता है शिक्षक । पत्थरों में शिल्पकार कच्ची मिट्टी का कुम्हार सूक्ष्मता […]

उत्तरायण होकर सूर्य पतंग संग करें मस्ती । तिल – गुमूंगफली बिना बेगानी संक्रांति ।। दूर करती खुशियों से मन में फैली जो भ्रांति । देती रिश्तों में मिठास मतभेद मिटाती संक्रांति ।। ऊंची उड़ान भरें सद्भाव प्रेम से रहना सिखलाती । पोंगल तो कही लोहडी रुप में मनातें हैं […]

सींचा जिसने नौनिहालों को अपने मेहनत के पसीने से । जिसे देख बच्चों का मन झूम उठता हैं सीखनें की खुशी से ।। बिन संसाधनों के कर दिए नायाब नवाचार हौसलों से । सुभाष यादव जैसा जज्बा जगाएं हम सच्चे जतन से ।। प्रायः शासकीय सेवारत शिक्षक साथियों के विचारों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।