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जीवन चक्र हर पल चल रहा है अपनी ही चाल।
इसपर ना फर्क पड़े चाहे हो किसी का बुरा हाल।।
अपनी चाल पर ये सब लोगो को नाच नचाता है।
कोई कितना भी कुछ भी कर ले ये ना रुक पाता है।।
जीवन चक्र है ये जीवन के बाद भी चलता जाता है।
अच्छे बुरे कर्मो को जीवन के बाद भी दिखलाता है।।
षडयंत्रो के बाजीगर चाहे कुछ भी कर ले।
जीवन चक्र की चाल से आगे कोई भी कभी
ना निकल पाता है।।
#नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)
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