हिन्दी की गरिमा का समेकित स्वर मातृभाषा उन्नयन संस्थान भारत सदा से ही आस्था और क्रांति प्रधान राष्ट्र रहा है। सैंकड़ो क्रान्तियों का जनक और परिचालक हमारा देश वर्तमान दौर में भी क्रांतिधर्मा है। क्रांति का सार्वभौमिक नियम है कि जनभावनाओं को साथ में लेकर जनता के हित में अपना […]

(विश्व जल दिवस पर चिंता करता लेख) दो दशक पहले संयुक्त राष्ट्र संघ ने 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाने की परिकल्पना की थी तब उनकी सोच रही होगी कि इस आयोजन के बहाने दुनिया जागेगी और एक पानीदार समाज का निर्माण होगा लेकिन जब हम पलटकर देखते हैं […]

यह खुश खबर है कि देश के आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कालेजों में अब पढ़ाई का माध्यम उनकी अपनी भाषाएँ होंगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर इस क्रांतिकारी कदम का कौन स्वागत नहीं करेगा? अब बी टेक की परीक्षाओं में छात्रगण हिंदी,मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, […]

आज हमारे अखबारों में एक दुर्लभ दृश्य मुखपृष्ठ पर छपा है। जापान की एक सरकारी कंपनी के चार अधिकारी सिर झुकाए हुए जनता से माफी मांग रहे हैं। वे सरकारी अधिकारी माफी इसलिए मांग रहे थे कि उनका एक कर्मचारी निश्चित समय से 3 मिनिट पहले अपनी सीट पर से […]

आजकल मैं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों और गांवों में घूम रहा हूं। जहां भी रहता हूं,सारे अखबार मंगवाता हूं। मराठी के अखबारों में बहुत कम ऐसे हैं, जो अपनी भाषा में अंग्रेजी का प्रयोग धड़ल्ले से करते हों। उनके वाक्यों में कहीं-कहीं अंग्रेजी के शब्द आते जरुर हैं […]

ऐसा लगता है कि,उत्तराखंड की सरकार को मूर्खता का दौरा पड़ गया है। जो मूर्खता वह करने जा रही है,वह भारत में आज तक किसी भी सरकार ने नहीं की है। मज़े की बात है कि,उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है। अब उत्तराखंड के १८००० सरकारी स्कूलों में सारे विषयों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।