हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 75वें अधिवेशन (कोरापुट उड़ीसा) में समिति की महत्वपूर्ण सहभागिता ‘वीणा’ पत्रिका के 1160वें अंक का हुआ लोकार्पण

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हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग का हीरक जयंती (75वाँ) अधिवेशन 23, 24, 25 जून 2024 को कोरापुट उड़ीसा में सोल्लास और सोउद्देश्य सम्पन्न हुआ। अधिवेशन हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय उड़ीसा के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय प्रांगण में सम्पन्न हुआ जिसके मुख्य अतिथि हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. आर.एस. सर्राजु, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय दिल्ली आगरा के निदेशक डॉ. सुनील बाबुराव कुलकर्णी की अध्यक्षता एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय उड़ीसा के कुलपति डॉ. चक्रधर त्रिपाठी, कुलसचिव डॉ. गजराज सिंह चरण पण्डा सम्मेलन के प्रधानमंत्री श्री कुन्तक मिश्र द्वारा कार्यक्रम को मूर्त रुप दिया गया। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इन्दौर की महत्वपूर्ण सहभागिता रही। उद्घाटन सत्र में समिति की मासिक पत्रिका ‘वीणा’ के 1160 वें अंक का अतिथियों व समिति के मंत्रियों, प्रधानमंत्री श्री अरविंद जवलेकर, प्रचार मंत्री हरेराम वाजपेयी, प्रबंध मंत्री श्री घनश्याम यादव, प्रकाशन मंत्री अनिल भोजे, अर्थ मंत्री श्री राजेश शर्मा, परीक्षा मंत्री उमेश पारीख व कार्यपरिषद् सदस्य श्री अरविन्द ओझा द्वारा लोकार्पण किया गया। दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर विशेष अतिथि रहे दिनांक 24.06.2024 को दूसरे सत्र में एक राष्ट्र एक भाषा विषय पर हरेराम वाजपेयी का प्रभावी उद्बोधन रहा तथा उसी रात हुए कवि सम्मेलन में श्री वाजपेयी के कविता पाठ को भरपूर सराहना मिली।
इस सम्मेलन में देश के तमाम राज्यों हिन्दी संस्थाओं के अनेक साहित्यकारों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में डॉ. अजय कुमार पटनायक, डॉ. हेमराज मीणा, डॉ. चक्रधर पधान, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. ए.एम. इकबाल, डॉ. भरत पण्डा, शेषमणि पाण्डेय आदि काफी संख्या में साहित्यकार उपस्थित थे। वहाँ के समाचार पत्रों में इन्दौर की समिति के सदस्यों के चित्र प्रमुखता से प्रकाशित हुए। 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।