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माँ असीमित है,
माँ अविरल है,
माँ अद्वितीय है,
माँ निश्छल है,
माँ खुदा है,माँ ईश्वर है,
माँ दुआ है ,माँ परमेश्वर है।
माँ धरा है,माँ आसमान हैं,
माँ जहान है,माँ महान है
माँ मन्नत है!माँ जन्नत है,
माँ सुकून है, माँ शांति है,
माँ शीतल है, माँ धैेर्य है,
माँ प्रकृति है, माँ आकृति है,
माँ प्रेम है,माँ परिवेश है,
माँ अजान है, माँ आरती है,
माँ सरोज है ,माँ भारती है।
माँ दृष्टि है,माँ सृष्टि है,
माँ अमिष है, माँ ईश है,
माँ सुफल है, माँ सुजल है,
माँ राम है,माँ सीता है,
माँ सुनीता है, माँ मिशिता है,
माँ मनोज है,माँ मीना है,
माँ मोक्षः है,माँ जीना है,
माँ लक्ष्मी है,माँ नारायण है,
माँ मानस है,माँ पारायण है,
माँ लता है, माँ निवासः है,
माँ शारदा है, माँ विश्वाश है,
माँ मानस है,माँ कुरआन है,
माँ वेद है,माँ पुराण है।
माँ कृष्ण है,माँ लीला है,
माँ मंगल है, माँ ब्रह्याण्ड,
माँ रब है, माँ सब है,
माँ,माँ है, माँ माँ ही है।
#डॉ. मंगलेश जायसवाल
परिचय : डॉ. मंगलेश जायसवाल ने प्राथमिक शिक्षा के बाद ‘कबीर और तुलसी के मानववाद का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर पीएचडी की है। आपने एमएससी और एमए (हिन्दी-संस्कृत) के साथ ही एम.एड.और बीजे (पत्रकारिता) भी कर रखा है। आप अध्यापक हैं और मध्यप्रदेश के कालापीपल में रहते हैं।अनेक पुरस्कारों-सम्मान से देश-प्रदेश में सम्मानित हुए हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में कहानी-कविता छपती है तो,मंचों पर कविता पाठ(ओज) भी करते हैं। आप मूल रुप से कालापीपल मंडी( जिला शाजापुर,म. प्र.)के हैंऔर वर्तमान में मकान न. 592 प्रेम नगर, मंडी सिहोर(जिला सिहोर) में ही निवास है।
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बहुत सुन्दर कविता
माँ तो माँ होती हे।
डॉ हरीश सोनी “पथिक”
Bahut pyari rachna dr sahab
Behtrin rachna maa subject pr
सर माँ पर आपने बहुत ही उम्दा रचना प्रस्तुत की है ।
बहुत बहुत बधाई ।
माँ ,विषय पर शानदार रचना है गुरुदेव
आपको नमन
आपकी कविता मैं आनंद की अनुभूति होती है
मां की महिमा का गुणगान अद्वितीय किया है।
अद्वितीय रचना, माँ तो माँ ही होती है। वाह…. डॉ साहब
Bhut sunder rchna h
Very nice Rachna
माँ के प्रति आपके भाव जो आपने शब्दों में व्यक्त किये really I like it by d depth of my heart
बहुत ही उम्दा कविता सर जी
अद्वितीय कविता माँ के विषय को सार्थक करते हुए
Dr saheb namaste, aapne maa pr umda rachna likhkr ek sarthak kary kiya hai.
बहुत ही संस्कारित शब्दों का प्रयोग किया है, डॉ साहेब आपका जवाब नही, वाह
Very nice jaiswal ji, u r uniq, maa to maa hi he…wow…uniq
माँ सृष्टी है माँ तो माँ ही हे….वाह डॉ साहब, आप कविराज है। आपको नमन, आपकी कृपा बनी रहे मुझपर बस यही तमन्ना है
U r genious dr jaiswal ji.
Maa pr yh ek shandaar rachna hai
Bahut pyari kavita dr sahab, aap mahaan ho sir ji
सुन्दर कविता जायसवाल जी, सर जी तू सी ग्रेट हो जी
माँ….अद्भुत रचना। जैस्वाल जी आपको नमन
Kya bat he dr sahab waah
bahut pyari rachna hai adarniya
Shaandaar Jaandaar.
Bahut hi achhi kavita lihki h Sir. Esi trh likhte rhiye.
Bhahut sandar Sir Ji
sundar bhav evam vichaaro ka sampurn sangrah hai kavita main.bahot hi shandar