रश्मिरथी
डॉ.कविता ‘किरण’: मरुधर की माटी से काव्य धरती के शृंगार तक
डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’
छुपके सिरहाने में रोते हैं
लोग दीवाने क्यों होते हैंहर गहरी साजिश के पीछे
दोस्त पुराने क्यों होते हैंबन गये दिल पर बोझ जो ऐसे
साथ निभाने क्यों होते हैंहर युग में दिल के शीशे को
पत्थर खाने क्यों होते हैंजब भी वक़्त बुरा आता है
अश्क बहाने क्यों होते हैंजो रंजो-गम नाप न पायें
वो पैमाने क्यों होते हैंअश्कों से तर आँख हो फिर भी
लब मुस्काने क्यों होते हैं‘किरण’ तेरी तिरछी नज़रों के
हम ही निशाने क्यों होते हैं
मरू माटी राजस्थान के पाली जिले के फालना शहर से कवि सम्मेलनों की अग्र पंक्ति में बैठने वाली कवयित्री डॉ.कविता ‘किरण’ जो कमल श्रीमाली के साथ विवाह बंधन में बंधी है। आपने एम.कॉम., डी.लिट् की मानद उपाधि प्राप्त की है। देश-भर में होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में कवयित्री के रूप में एक स्थापित नाम कविता किरण के काव्य पाठ को आकाशवाणी जोधपुर, उदयपुर, जयपुर, तथा दिल्ली आदि से प्रसारित भी क्या जाता है । इसके अतिरिक्त दूरदर्शन के राष्ट्रीय प्रसारण, सब टीवी, ईटीसी, लाइव इंडिया,जयपुर दूरदर्शन व विभिन्न चैनलों से काव्य पाठ प्रसारित होता है। अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती है। अब तक प्राप्त सम्मान और पुरस्कार में टेपा सम्मान, उज्जैन,काव्य रत्न सम्मान,पानीपत रोटरी क्लब,गेंगटोक से सम्मानित हिन्दी अकादमी, दिल्ली से सम्मानित राजस्थानी भाषा सेवा-सम्मान, बीकानेर कर्णधार सम्मान,राजस्थान पत्रिका, जयपुर राजस्थानी महिला साहित्यकार सम्मान, नगर श्री चुरू हिन्दी साहित्य संगम पुरस्कार, बोकारो ‘सर्वविधा सर्वश्रेश्ठ कवयित्री’ अवार्ड, हुड़दंग-2009, इलाहाबाद ‘साहित्य शिरोमणि अवार्ड’ अहमदाबाद ‘मीरां शिखर सम्मान’ साहित्यांचल मेवाड़ तथा अन्य अनेक संस्थाओं से प्राप्त हुए है।
‘आओ प्यार करें’ व ‘गुण्डागर्दी’ फिल्मों में गीत आपने लिखे है जिसके लिए सिक्किम के तात्कालिक मुख्यमंत्री पवन चामलिंग द्वारा आपको सम्मानित भी किया गया था साथ ही पूर्व रेल मंत्री श्री लालूप्रसाद यादव द्वारा पटना में सम्मानित किया गया। भारत-नेपाल मैत्री संघ की ओर से (नवम्बर 2006) में नेपाल में भी सम्मानित किया गया है। काठमाण्डू,नेपाल में आयोजित हिंदी समारोह (सितम्बर 2010) में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद,दिल्ली की ओर से प्रतिनिधित्व एवं काव्य-पाठ किया है। दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से आप अनेकों बार काव्य पाठ, लोकगीत गायन कर चुकी है। भारत के अतिरिक्त कविता जी ने कई देशों में भारत की काव्य प्रतिष्ठा स्थापित की है जिनमें जनवरी 2011 में भारतीय दूतावास की ओर से गणतंत्र दिवस पर दुबई में, अगस्त 2011 में जकार्ता इण्डोनेशिया में, जनवरी 2012, दुबई मे आयोजित कवि सम्मेलन में काव्य-पाठ, अगस्त 2013 में ब्रिटेन के दस शहरों में काव्य पाठ किया है।
आपकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी है जिनमें दर्द का सफर (गज़ल संग्रह) पुरस्कृत, तुम कहते हो तो (कविता संग्रह),चुपके-चुपके (क्षणिकाएं), बखत री बातां (राज.गज़ल संग्रह) पुरस्कृत, बोली रा बाण (राजस्थानी गज़ल), मुखर मून (राजस्थानी काव्य संग्रह) पुरस्कृत, तुम्हीं कुछ कहो ना! (गजल संग्रह), ये तो केवल प्यार है (गीत संग्रह), सूली उपर सेज (राजस्थानी दोहे), पैली पैली प्रीत (राजस्थानी गीत संग्रह), तू ही तू (गजल संग्रह) आदि शामिल है।
भारतीय काव्य सौंदर्य की अभिवृद्धि हेतु व हिन्दी भाषा की गरिमा को स्थापित करती कवयत्री डॉ कविता किरण अपने आप में अग्रणी नाम है। जिन्होंने सदा ही हिंदी प्रेम का दायित्व निर्वाह किया है
डॉ कविता किरण
रस – श्रृंगार एवं वीर रस
अनुभव – लगभग एक दशक से अधिक
निवास- फालना, पाली (राजस्थान)