कलयुगी मानव की लालसाएंँ सुरसा की तरह बढ़ रही हैं। निस्वार्थ प्रेम और विनम्र भक्ति की मूर्ति खंड-खंड हो रही है। लालसा की देवी यत्र- तत्र- सर्वत्र प्रतिष्ठित हो रही हैं। प्रपंच /पाखंड की नौका पर सवार सब स्वार्थ की नैया खे रहे हैं। नैतिकता, तप, प्रेम, परहित ,त्याग, संवेदना […]

लोग क्या कहेंगे का भूत अच्छे अच्छों को गुलाटी खाने पर मजबूर कर देता है और वह बंदर बना उछल कूद करता अपने ही सर के बाल नोचता रह जाता है। यह करोगे तो लोग क्या कहेंगे? वह करोगे तो लोग क्या कहेंगे ?इस चक्कर में अच्छा भला आदमी दूसरों […]

रामलाल बा साब – उम्र 70 वर्ष चतरू – उम्र 40 वर्ष फेकू – उम्र 25 वर्ष व्हाट्सएप ग्रुप – सकल पंच बिरादरी समाज एक गांव – अनाम होंगे कोई डेढ़ सौ दो सौ घर गांव में,सभी समाज के लोग रहते हैं,अधिकतर पक्के मकान है ,लगभग सभी सुविधाएं सड़क ,पानी,बिजली,स्कूल, […]

व्यंग्य मॉर्निंग वॉक के वे आदी हैं। कोहरे की परत वाली ठंड में भी वे आर्मस्ट्रॉन्ग की तरह लदे चले आए। बोले- ‘निकलो भी रजाई से।’ मैंने कहा- ‘इस बार तो ठंड बर्फानी-सी है। बिस्तरस्थ रहना ही बेहतर है।’ शरीर पर तीन-चार गरम कपड़े, सिर पर मोटा-सा टोपा और गले […]

देश में राजनीति का स्तर गिर रहा है और राजनेताओं का कद बढ़ रहा है । अब उत्तराखंड को ही ले लीजिए, उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों की फसल ही लहलहा रही है ।पूरा अम्बार सा लग गया है । हर रोज एक नया नमूना मुख्यमंत्री जैसे सम्मानित पद पर बिठा दिया […]

हम जमाने से सुनते आये है कि दुनियां हमेशा से बदलती रही है। अगर दुनिया नहीं बदले तो आदमी आगे नहीं बढ़ता है। दुनियां बदलती है तो आदमी भी बदलता है। दुनिया के बदलने से प्रगति की भी लहर आती है। इसी लिए मेरा मानना है कि कोरोना भी बदलाव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।