एक प्रकाशन रचनाकार के शब्दरंगों से सपनों का बुनकर होता है। एक रचनाकार, जो अपने सृजन को डायरी के पन्नों तक सीमित कर देता था, उसके सार्थक सृजन को गुणवत्ता की चाशनी में डूबा कर, रंग और आकार के साथ पाठक की उन्नत और वैचारिक मानसिक खुराक बनाने का कार्य […]

उर्दू भाषा का जन्म कब, कहाँ और कैसे हुआ। इस संबंध में भाषाविदों और विशेषज्ञों के बीच काफी मतभेद हैं। भाषाविद् गार्सन दातासी, जॉर्ज ग्रेसन, जेम्स और डॉ सुनीति कुमार चटर्जी की राय को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि शोध कार्य में ऐसे लिंक मिले हैं जो इन भाषाविदों […]

मुंशी प्रेम चंद उर्दू साहित्य में एक अद्वितीय चरित्र हैं। मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास गौदान बहुत पहले पढ़ा गया था। तब कुछ लिख नहीं पाया। हाल ही में इस उपन्यास को फिर से पढ़ा। इस बार मकसद इस पर अपनी राय देना था। दूसरी बार पढ़ने के बाद मैं अभी […]

नाटक प्रदर्शन कला की वह शाखा है जिसमें भाषण, हावभाव, संगीत, नृत्य और ध्वनि के संयोजन का उपयोग करके कहानियों का अभिनय किया जाता है। भारतीय नाटक और रंगमंच का एक विशद इतिहास है। संगीत, ओपेरा, बैले, भ्रम, माइम, शास्त्रीय भारतीय नृत्य, काबुकी, ममर्स के नाटक, कामचलाऊ थिएटर, स्टैंड-अप कॉमेडी, […]

प्रभु जोशी का अंतिम लेखन इन दिनों एक बार फिर , स्त्री-स्वतंत्रता के हितैषी तर्क , एक नई विचार शक्ति के साथ आते दिखाई देने लगे हैं। एक बन्द और पिछड़े समाज में, ऐसी शक्तिशाली लहर का ज्वार भाटे का रूप ले लेना, बहुत शुभ लक्षण हैं। उसका चतुर्दिक स्वागत […]

उर्दू शायरी की अधिकांश गीत फ़ारसी और अरबी से आई है, लेकिन यह गीत हिंदी कविता के प्रभाव में उर्दू में आया। यह कहा जा सकता है कि गीत एक शुद्ध भारतीय शैली है। गीत एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ है राग, गान और गीत। गीत किसी विशेष विषय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।