◆ अनिल त्रिवेदी, इन्दौर मनुष्य को जन्म के साथ ही मनुष्य शरीर को आकार मिलता है।पर मनुष्य का आकार ,आचार, विचार और स्वभाव अपने आप में मनुष्यता का पर्याय नहीं बन जाते। मनुष्य और पशु या अन्य जीव जन्तुओं में यही मूलभूत अंतर है, अन्य सभी जीव जन्तु जन्माना जिस […]

● अनिल त्रिवेदी मौन का विस्तार अनन्त है या यह भी कहा जा सकता हैं कि मौन की व्यापकता सीमा से परे होकर मौन पूर्णत:असीम हैं। मौन ध्वनि विहीन होते हुए भी सार्थक होकर, एक तरह से शब्दों की निराकार अभिव्यक्ति है। जैसे प्रकाश निशब्द होकर सतत कम ज्यादा तीव्रता […]

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्यप्रदेश के मालवा, निमाड़ के प्रमुख पर्व में शामिल संझा पर्व श्राद्ध में भाद्रपक्ष शुक्ल पूर्णिमा से मनाया जाता है। कुँआरी बालिकाएँ घर के बाहर दीवार पर संझा की आकृति बनाकर उनके गीत गाती हैं, इसके बाद पूजा अर्चना कर बालिकाएँ घर–घर जाकर यह गीत लोगों […]

महासमाधि दिवस — डॉ.मधुसूदन शर्मा दरअसल, श्यामाचरण लाहिड़ी महाशय दिव्य शक्तियों से संपन्न एक ऐसे योगी थे जिन्होंने , पारिवारिक बंधनों और सांसारिक कर्तव्यों से दबे लाखों लोगों को आध्यात्मिक उत्थान की राह दिखायी। लाहिड़ी जी के अथक प्रयासों से गृहस्थ – जीवन व्यतीत करने वाले लोगों में एक नई […]

● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ सृष्टि की सबसे प्राचीन संस्कृति सनातन संस्कृति है और इसके प्रत्येक उपक्रम, विधान, कर्मकाण्ड और प्रत्येक क्रिया के केन्द्र में ‘समाज’ विद्यमान है। उसी पुरातन संस्कृति में आराधना का एक विधान उपवास भी है। लोकाचार अथवा श्रद्धानुसार लोग उपवास करते हैं। लेकिन उपवास का सही […]

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को सिर्फ़ भारतवासी ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जानती, मानती है। ऐसे भगवान श्री राम के जन्मोत्सव या यूं कहिए प्रकटोत्सव की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं, बधाई। भारतीय संस्कृति का मूल सनातनी संस्कृति में है और यह आर्यवर्त यानी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।