जब कभी जाता हूँ श्मसान, दिखते हैं दिन में कुछ अपने। कुछ बहुत ख़ास से लोग, कुछ प्यारे नाते-रिश्तेदार, कुछ मेरे पुराने दोस्त-यार, पर नज़र आता नहीं वर्तमान। चिता से उठती हुई लौ-लपटें, चिता में डलता हुआ घी-कपूर, और चंदन की लकड़ी के टुकड़े, सब बताते हैं अनेकता में एकता। […]

ये न पूनम का चाँद है, न ईद का चाँद है। हाँ, ये मेरे सुहाग चौथ का चाँद है। इन हाथों की हरी मेहंदी सूख कर , मेरे चौथ के चाँद-सी सुर्ख़ लाल हो जाएगी, मेरी माँग भी सुर्ख़ सिंदूर से भरी जाएगी। हाथों में भी लाल चूड़ियाँ संगीत-सी खनकेगी, […]

शिव शक्ति रूप प्रगटी है माँ सिंहारूढ़ हैं शस्त्र सुसज्जित त्रिदेवों की ऊर्जा से अवतारी देवों के हित महिषासुर संहारी माँ सुहागिन पार्वती रूप धरे स्वर्णिम केसरी वस्त्र धारित है सूर्याभा करती प्रसारित सदा शांतिदायक कल्याणकारी माँ मस्तक पर चन्द्रघण्टा अंकित घन्टाध्वनि कर देती है भयमुक्त सदा सुखकारी मोक्षकारी माँ […]

हे शैलपुत्री! हे ब्रह्मचारिणी! माँ चंद्रघण्टे ! माँ कुष्मांडा! हे स्कन्दमाता! हे माँ कात्यायनी! हे कालरात्रि माँ! माँ महागौरी! माँ सिद्धिदात्री! माँ, तुम हो दुर्गे। तुम तपस्विनी, तुम विष्णुमाया, तुम भव्या, तुम बहुल प्रिया। चंडमुंड, खड़ग, खप्पर धारिणी, अष्ट भुज कल्याणकारिणी। तुम भवप्रिता, तुम भवमोचिनी, तुम बगलामुखी, तुम दक्ष कन्या। […]

जहाँ दिल एक दूसरे से जुड़ते हैं, ऐसा शुद्ध प्रेम, जो तुम्हारा और मेरा है। आत्माओं के भीतर, एक पवित्र ज्योति, प्रेम का मधुर नाम प्रज्वलित करती है। प्यार, सपनों की गलीचा, हम बुनते हैं, हर पल में, उसकी खूबसूरती को महसूस करते हैं। एक अंतहीन नृत्य, एक सुरीली धुन, […]

पितृ दिवस पर विशेष जो अपना दर्द सब से छुपाकर रख लेता है, आँखों के आँसू पीकर के हँस लेता है। धूप, छाँव, आँधी, तूफ़ान, ठोकरें, कर्त्तव्य समझकर झेल लेता है, ज़रूरत हो सब की पूरी इस संघर्ष में उठते-बैठते चैन नहीं लेता है। बच्चों के शौक पूरे करने में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।