कुछ वक़्त पहले मै रायपुर से भोपाल आ रही थी तो ट्रेन में साथ की सीट पर बैठे लोग अपने अपने फ़ोन या लैपटॉप पे व्यस्त थे। में भी कुछ पढ़ने में व्यस्त थी क्योकि पेपर नज़दीक थे। सफर के कुछ पांच से छह घंटे ऐसे ही बीते। तभी अचानक एक […]

-संदीप सृजन जितना भुलाना चाहें भुलाया न जायेगा दिल से किसी की याद का साया न जायेगा इस संजीदा अशआर को कहने वाले डॉ दरवेश भारती जी 3 मई 2021 को दुनिया को अलविदा कह गये। लेकिन जो काम हिंदी, उर्दू साहित्य के लिए वे कर गये है वह आने […]

कुशीनगर की यात्रा केवल भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल का भ्रमण नहीं बल्कि जन्म और मृत्यु के बीच जीवन यात्रा के उद्देश्य और अभीष्ट को जानने समझने का एक मार्ग है। भगवान बुद्ध के जन्म, बोधिसत्व की प्राप्ति और उनके महापरिनिर्वाण से जुड़े स्थलों को देखने की इच्छा बचपन से […]

द्वितीय पुण्यस्मरण इमारत की बुलंदियों और ऊँचाई का एक महत्वपूर्ण और कारक तत्व उसकी नींव होती है, वही नींव जो इमारत का भार भी खुद ही ढोती है और सदैव इमारत की सफलता की मंगल कामना भी करती है, किन्तु कभी कोई शिकायत नहीं रखती। आज इंदौर वैश्विक फलक पर […]

19वीं शताब्दी में जब अंग्रेजों का भारत में बहुतायत आगमन हुआ तो उन्हें पता चला कि असम के लोग काले रंग का एक पेय पदार्थ पीते हैं जो पत्तियों से बनता है। तब ये चाय के बीज व पौधों को लेकर कोलकाता में शोध किया गया। ब्रिटिश सरकार ने असम- […]

विश्वविख्यात वैज्ञानिक/ गणितज्ञ आइंस्टीन और गौस के सिद्धांतों को चुनौती देकर प्रसिद्धि पाने वाले महान गणितज्ञ नहीं रहे। नासा में अपोलो मिशन लांचिंग के दौरान तीस कम्प्यूटर अचानक फेल हो गए, उसी क्षण पेन से सटीक कैलकुलेशन देकर अभियान सफल कराने वाले महान गणितज्ञ हमें छोड़कर चले गए। चक्रीय सदिश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।