सृजन विविधा में मात्रिक छंद कार्यशाला के साथ हुआ रचनापाठ

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इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘सृजन विविधा’ में रचनाकारों के रचनापाठ के साथ-साथ मात्रिक कार्यशाला भी आयोजित की गई। शिक्षिका मनीषा व्यास ने छंद के विधान पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम संयोजक व समिति की साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि नवांकुरों को मंच देने के साथ-साथ सृजन विविधा में विभिन्न विधाओं की कार्यशालाओं के माध्यम से साहित्यजगत् को समृद्ध करने का कार्य समिति कर रही है। कार्यक्रम संचालन डॉ. अखिलेश राव ने किया।
दूसरे सत्र काव्य पाठ में ममता इकलोदिया ने पिता पर लिखी रचना ‘मेरी ज़ुबाँ अक्सर थम-थम सी जाती है, जब बात मेरे बाबा की आती है।’
हटे सिंह ने गीत ‘बड़ी अच्छी लगती हो, जब मेरे लिए संवरती हो’ सुनाया।
वहीं डॉ. मनीष दवे ने योग दिवस पर केन्द्रित ‘आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनाएँ, मन से विकार हटा कर प्रकृति संग चित्त लगाएँ’ का पाठ किया।
किशोर यादव ने ‘योग दिवस है आज साधको, पूरे मन संग योग करूँगा’ कविता सुनाई।
साथ ही, दिलीप नीमा, सुभाष ‘गौरव’, संतोष त्रिपाठी ने भी कविताएँ सुनाईं।
अंत में आभार मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने व्यक्त किया। इस अवसर पर ज्योति यादव, कमला राठौर, छोटेलाल भारती, कमलेश पाण्डेय आदि सुधीजन उपस्थित रहे।

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