
इंदौर (म.प्र.) साहित्य राष्ट्र का दर्पण हेता है | प्रत्येक साहित्यकार अपनी रूचि के अनुसार विविध विधाओं के माध्यम से अपने लेखन धर्म को संपन्न करता है किन्तु राष्ट्र हित व राष्ट्र उत्थान सदैव साहित्य का मूल रहा है | राष्ट्रीय चिंतन के इसी क्रम में यदि किसी क़लमकार को क़लम के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने का अवसर मिल जाएं तो यह काव्य साधना की सफलता का प्रतीक है | ऐसा ही अवसर प्राप्त हुआ हमारे नगर की कवयित्री श्रीमति कीर्ति मेहता “कोमल” को। जनजागरण विकास समिति सूरजपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा हमारे भारत की अमूल्य धरोहर भारतीय संविधान को “छंदबद्ध भारत का संविधान” के रूप में छंदबद्ध करने का महनीय कार्य संपन्न किया | इस महत्वपूर्ण साहित्यिक धरोहर को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाणिक किया गया है | गहन चिंतन के साथ अनेक सत्रों व प्रयासों से संपन्न इस कृति को छंदकारों के जिस समुह ने पूर्ण किया इसमें श्रीमति कीर्ति मेहता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है | इस महनीय योगदान के लिएं संस्था द्वारा आपको नई दिल्ली में संपन्न सम्मान समारोह में साहित्यकार के रूप सम्मानित किया गया |