15 नवंबर 2022 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर, मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने पंचायत ‘अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार’ अधिनियम ‘पेसा अधिनियम’ नियमावली की पहली प्रति भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को सौंपी। पेसा अधिनियम 1996 में पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के […]

आखिरकार! सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सबसे ऐतिहासिक, मौलिक, महत्वपूर्ण, बड़े और प्राचीन अयोध्या विवाद का सर्वोच्च न्याय कर दिया। जो भारतीय न्यायपालिका के इतिहास और आमजन के मानस पटल में युगे-युगिन स्वर्ण अक्षरों में अमिट रहेगा। दिव्य न्याय में किसी की हार है ना जीत, फैसला है समुचित और […]

बंधुओं माननीय उच्चतम न्यायालय ने घोषणा की है कि अब न्यायालय के निर्णय भारत की छह भाषाओं में दी जाने की व्यवस्था की जाएगी । लेकिन गहराई से देखें तो यह केवल हिन्दी प्रेमियों को भरमाने वाली बात है … छह क्या आजकल तो गूगल पर दो मिनट में दो […]

पूरे विश्व के सामने शर्मसार होने से बची भारत की कानून व्यवस्था। वाह रे षड़यंत्रकारी सियासी लोग। ऐसा सियासी षड़यंत्र कभी गंदी गलियों में हुआ करता था फिर धीरे से यह सत्ता के गलियारे तक पहुँच गया। लेकिन कभी यह षड़यंत्र देश की शीर्ष अदालत को भी अपनी चपेट में […]

‘फोरम फॉर फास्ट जस्टिस’ के मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में आज मुझे यह अवसर मिला कि मैं भाषा के कारण देश के नागरिकों पर हो रहे अन्याय की बात रख सकूं। अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि पहुंचे हुए थे। इस दो दिवसीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि […]

जीवन में जब बढ़ने लगे वियोग, अनेक रोग जब कर रहे भोग.. जब शरीर को करना हो निरोग, तो एक ही रास्ता है योग। सांसों को जब लगाना हो आयाम, तो करे मानुष थोड़ा प्राणायम.. आसन से आती सकारात्मकता, ध्यान से दूर होती नकारात्मक्ता। जब शरीर को करना हो निरोग, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।