वरिष्ठ लेखिका प्रेम मंगल ने किया रचनापाठ, कॉफ़ी टेबल बुक लोकार्पित इंदौर। कविताएँ और कहानियाँ हमेशा से प्रेरणा पुंज होती हैं, इनके प्रसार से साहित्य का प्रचार होता है। मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा पद्यांश का आयोजन शनिवार को शहर के पंचवटी में किया गया, जिसमें लेखिका प्रेम मंगल का रचनापाठ […]

मातृभाषा को शिक्षा और व्यवहार में लाएं- श्री कोकजे मातृभाषा उन्नयन संस्थान का प्रतिष्ठा प्रसंग समारोह सम्पन्न इन्दौर। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा रविवार दोपहर आयोजित समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भगवती लाल राजपुरोहित और भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी को हिन्दी गौरव अलंकरण से अलंकृत किया गया। […]

भारत से हमारा संस्कार औऱ साहित्य का नाता- डॉ बुद्धू हिन्दी व भोजपुरी भाषा की सेवा के लिए मॉरीशस में बहुत सक्रिय है डॉ. बुद्धू इन्दौर। ‘भारत मेरे पुरखों की जन्मभूमि है, जो मेरे लिए पुण्यभूमि है। भारत की प्रगति देखकर बहुत आनंद आता है। मेरा इस पुण्यभूमि से संस्कार […]

जब भी लिखें, सार्थक लिखें- श्री वाजपेयी दीप्ति शर्मा “दीप” भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित इंदौर। लेखिका डाॅक्टर पूजा मिश्रा “आशना’ के मुक्तक संग्रह ‘कहो रह सकोगे सदा साथ साजन’ पर चर्चा का आयोजन विचार प्रवाह साहित्य मंच के बैनर तले हुआ। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरेराम वाजपेयी […]

हिन्दी भाषा की सेवा के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान भाषा सारथी सम्मान से करता है सम्मानित लखनऊ। हिन्दी भाषा के विस्तार के लिए कार्य करने व सारथी समान हिन्दी की सेवा करने वाले हिन्दी प्रेमियों को हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत संस्थान ’मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा […]

इन्दौर । हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत संस्थान ’मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा शहर में 24 घण्टे खुले रखने वाले पुस्तकालय के संचालक एवं साहित्यकार राधेश्याम माहेश्वरी जी को शनिवार के दिन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ एवं वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी द्वारा भाषा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।