सामना घनघोर है भाई, आदमी कमजोर है भाई। कौन अपनी सुन रहा है, हो रहा अब शोर है भाई। आप हैं महफूज़ उससे, उसके दिल में चोर है भाई। चल रही है साँस जब तक, हौंसला पुरजोर है भाई। साथ अपने ही चलेगी, जो गले की डोर है भाई। […]

सारा जग कर रहा जिन्हें याद, ऐसे थे हमारे चंद्रशेखर आजाद। सर पर बांधकर क्रांतिकारी ताज, आजादी के लिए किया आगाज। अंग्रेजों को देख ताव देती थी मूंछ, याद दिलाया इनको छठी का दूध। क्रांतिकारी जयघोष करती बंदूक, देश को ही माना इन्होंने सबकुछ। कुटिल चालों से देश हो रहा […]

ये कच्ची माटी की काया, माया कोई जान न पाया। क्यों होता है कब होता है, अब होता है तब होता है। जो होता है जब होता है, कुदरत का करतब होता है। ईश्वर अल्लाह’ रब होता है, भगवन मौला सब होता है। मानव तो मानव होता है, डम डम […]

महानगर का प्रत्येक चौराहा व्यस्त, लाईटों से नियंत्रित ट्रेफिक …जैसे ही रेड लाईट होती है,एक साइड की गाड़ियों में ब्रेक लग जाते..तकनीकी ने मनुष्य को यांत्रिक बना दिया है,जिसे लोग सिस्टम कहते हैं। महानगर तो जैसे चलते ही सिस्टम से हैं…एक सिस्टम ये भी है कि,चौराहे पर गाड़ियाँ रुकते ही […]

भूख बेरहम ही तो है, इंसा को नचा देती है। इसकी ताकत होती है, बहुत गज़ब की साथी, भूख ही झुका देती है.. भूख ही रुला देती है। दो टुकड़े रोटी के ही, चोर का ठप्पा लगा देते.. भूख मजबूर बना देती है। कोई नाचता जश्न महफिल में, कोई बाजारों […]

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पांच पदार्थ के मिलन से मनुष्य देह धरा, लेकिन वो एक-दूसरे को न समझ सका। न विचारों का मिलन,न स्वभाव का.. एक ही जैसी चीजों से बना ढाँचा, फिर भी मेल नहीं खाता चेहरा। एक-एक बिन्दु से बना है सिन्धु, हम भी एक बिन्दु ही हैं.. बिन्दु कहते बून्द को, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।