गधे के भी चर्चे चहुंओर होने लगे, इसकी वफादारी से प्रेरणा लेने लगे। समय के मोल का बोध कराते गधे, इसकी योग्यता पर अच्छे तंज कसे। हमारी वाणी पर थोड़ा संयम रखें, शब्दमाला में सकारात्मकता झलके। पहले सामने वाले की योग्यता देख लें, चाहे इंसान हो या पशु-पक्षी या गधे। […]

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शरारती आँखें, कुछ कहती हैं.. तुझसे मेरी। चल चलें, गगन के पार छोड़ धरा के.. नियम कानून। बस हो तू और मैं, उस जहाँ कोई और न हो। बस हो प्यार ही प्यार शरारती आँखें….  #नेहा लिम्बोदिया परिचय : इंदौर निवासी नेहा लिम्बोदिया  की शिक्षा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से  पत्रकारिता […]

आज अपराधी यहाँ बढ़ रहे, क्रोध-कपट की चाहत है।.. नरसंहार और प्रहार से ये धरती माता आहत है। मस्तक में हो चंद्र शीतलता, इसके लिए तुम कुछ तो बोलो.. अभिमान के वंशज बढ़ गए, भोले अब त्रिनेत्र खोलो। भावों में बढ़ रही मलिनता, रह न पाती कहीं पवित्रता.. ऊंच-नीच और […]

लफ्ज़ हैं आज गुमशुदा, एहसास हो गए हैं अब तन्हा.. दिल की सच्चाई कितना भी चाहे बेपनाह, पर खा रही है मात हर लम्हा.. हर जगह। वक़्त बदल-सा जा रहा है, शख्सियत भी अब तो जुदा है.. न जाने कहाँ सब खो गया, जज़्बातों का कारवां छूट गया है। अफ़साने […]

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दिलों को झकझोर दे,वो कहानी चाहिए, देश के काम आ सके वो,जवानी चाहिए। यूँ तो हर शख्स जताता है राष्ट्र भक्ति,प्रेम, कर्तव्य निष्ठा से निभाएं, वो ज़िंदगानी चाहिए। खो रहा है बचपन अब बस्तों के बोझ तले, अब हमें वही बचपन-सी नादानी चाहिए। दिल मायूस, उदासियों का लगता है मेला, […]

अहसास करा दूँ क्या उनको, नानी याद दिला दूँ क्या उनको। समंदर से मोती ढूंढकर दिखा दूँ क्या उनको, हार को जीत में बदलकर दिखा दूँ क्या उनको। प्यार में उनके एक और ताजमहल बनाकर दिखा दूँ क्या उनको, कितना प्यार है उनसे,सीना चीर दिखा दूँ क्या उनको। उनके वगैर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।