भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राहक सेवा को बेहतर जाना और हिन्दी की शक्ति को माना है,इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधन को बधाई देता हूँl हमारे एक मित्र जो,भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक हैं और पिछले काफी समय से यह माँग कर रहे हैं कि नेट बैंकिंग संबंधी तमाम […]

दोस्तों,आज के इस कलयुगी और मायाचारी संसार में हम और आप अपनी संस्कृति को बिलकुल से ही खो चुके हैं।पश्चिमी सभ्यता को अपने जीवन के साथ अपने घरों में भी सजाने और व्यवहार में अपनाने लगे हैं। इस चक्कर में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को पुरानी व रूढ़िवादी बताते हुए […]

चंचल चित्त,चितेरा होना चाहता है, मन मस्त,मगन मुग्ध होना चाहता है। फ़ितरत फ़िसलने की है इस दिल की, बावरा बस बरबस,बहकना चाहता है। दिल हरदम सच्चा होना चाहता है, फिर एक बार बच्चा होना चाहता है। ऊपर से कितना भी शरीफ़ जान पड़े, अंतर्मन से बस चहकना चाहता है। बंद […]

जिंदगी में कुछ तो तेरे साए नजर आएँगे, ठुकराकर भी तुझे ये ‘इरादे’ नजर आएँगे। अपना क्या है यहां इस दर्दे दिल के वास्ते, तन्हा रातों में हमें ये ‘सितारे’ नजर आएँगे। सोचा था इश्क में जिंदगी ये हसीन होगी, भुलाने वालों को ये ‘बहाने’ नजर आएँगे। खुदा की खुदाई […]

माँ के आंचल में लेकर किलकारी, बोलना सीखते अपनी मातृभाषा। जिसमें बुने जाते हैं मीठे-मीठे रिश्ते, पाकर जिसे पूरी हो हर अभिलाषा। बरगद-सी,अमराई-सी है मातृभाषा, फैली है हमारे अंदर इसकी आभा। समाज,परिवार,देश की मजबूती, गठबंधन बनाए रखती है मातृभाषा। बहुत दुखती है,हिन्दी की अंतरात्मा, जब हम शान से बोलते अंग्रेजी […]

न अब एक भी लम्हा खारा करेंगे, हम आँसू भी मीठे बहाया करेंगे । वहीं तक ये रस्ते मेरे नाम हैं बस , कि जुगनू,जहाँ तक उजाला करेंगे । ये सोचा है अब मैकदे छोड़कर हम, तुम्हारे तसव्वुर में बहका करेंगे । मुकद्दर से लेकर इजाज़त ही अब, नया कोई रिश्ता हम बनाया करेंगे । इन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।