चल दोस्त नदी के किनारे चलें, भागकर घर से, छुपते-छुपाते,बरगद तले चलें.. चल दोस्त नदी के किनारे चलें। वो मुंडेर,जहाँ बीता करते थे सारे दिन अपने, बैठ के बुना करते थे बड़े बनने के सपने.. उस सपने की सच्चाई से दूर लौट, अपने बचपन में चलें.. चल दोस्त नदी के […]

मुट्ठी भर सबल नारियों से, नारी नहीं हो सकती सबला.. देखो जाकर हर गली मोहल्ले, नारी की क्या हो रही दुर्दशा। है यह पुरूष प्रधान समाज, नारी को क्या महत्त्व देगा.. पैरों तले रौंदकर अपने, जख्मों से भरा उपहार देगा। वस्त्र हटा के अंग देख लो, किसी तुम दुखिया नारी का.. रक्त वर्ण […]

विश्व वन्दनीय वात्सल्य मूर्ति साकार, ‘माँ’स्वयं ही है एक परिपूर्ण संसार.. दूर करे जो मन के,सब क्लेश विकार। ‘माँ’ के स्पर्श में छिपा सुकून अपार, पहाड़-सी विपदा हो जाए बेड़ा पार. ‘माँ’ के आशीष से मिले सब संसार। चाहे सुख,या दुःख की बहे बयार, ‘माँ’के आँचल में दुआओँ की बहार.. […]

वे परसाईं जी के सबसे बड़े प्रेमी हैं, और परसाईं-प्रसाद बाँटने वाले इकलौते वितरक भी।जब भी वक्तव्य देते हैं,परसाईं से नीचे नहीं उतरते।आशय यह कि,परसाईं पूरी तरह उनके मुँह लग चुके हैं। इस बात को वे कई बार साबित भी कर चुके हैं। उनके पास परसाईं के हाथ की लिखी […]

चलो हम सजाएं धरा से गगन तक, खुशियाँ बिछाएं धरा से गगन तक। रुकेंगे न अब हाथ मरु में सृजन तक, बिखेरेंगे खुशबू धरा से गगन तक। पढ़ा तुमने गीता कुरान और बाईबल, पढ़ा हमने केवल धरा से गगन तक। नफरत हमारी रगों में नहीं है, पूजा सभी को है […]

गंगा दूषित हो जाएगी,लज्जित होते भूप मिलेंगे कलयुग में न जाने कितने,जयचंदों के रूप मिलेंगे। सब मनु रोगी हो जाएंगे,सैनिक लोभी हो जाएंगे, नित्य नए नव धर्म चलेंगे,साधु भोगी हो जाएंगे। सागर को उपदेशित करते,जग के सारे कूप मिलेंगे, कलयुग में न जाने कितने,जयचंदों के रूप मिलेंगे। ज्ञानी मौन रहेंगे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।