बंगाली फिल्म ‘बाज़कहिनी’ का हिन्दी रीमेक है ‘बेगम जान’,जिसके संवादों ने ट्रेलर में ही तहलका मचा दिया है। यह फिल्म १४ अप्रैल को दर्शकों से रुबरु होगी। बँटवारा यानि एक काला अध्याय…राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे जा चुके सुजीत मुखर्जी के निर्देशन में सजा एक बेहद दर्दीला विषय है,जिसने न केवल […]

बीत गए दिन जवानी के, मेहनत और क़ुरबानी के.. जब तक था स्वार्थ, तब तक रहे साथ.. अब बेटा नहीं कहता पापा, जब से आया है बुढ़ापा। दिल में एक अरमान था, बेटे पर अभिमान था.. सोचा था बुढ़ापे में, बनेगा मेरा सहारा.. पर मेरी किस्मत ने, ये नहीं स्वीकारा.. […]

इंसान इंसान का दुश्मन हुआ, मोहब्बत और इखलास सब भूल गया। अपने मतलब के लिए, तहजीब और इंसानियत भूल गया।। जाने कैसी सीख में लगा, मजहब और ईमान गया। ऐसा भटका है राह-ए-तालीम से, खुद ही अपना घर भूल गया।। चारों तरफ फैला शैतानियत का जोर, रिश्वतखोरी का है बोलबाला। […]

इन दिनों यूपी में योगी, और बिहार में नीतीश कुमार.. मांस-मदिरा पर कर रहे, वह धारदार कलम से वार। दोनों की नेकी के चर्चे, अब सारी दुनिया में छा रहे.. हमने कहा भगवन जी, और नीतीश,योगी कब भिजा रहे। भगवान बोले सुरेन्द्र, तुम भक्ति करते जय जिनेन्द्र.. हम तो जय […]

उठो पार्थ, गांडीव उठाओ.. शर संधान करो। सम्मुख जो हैं, सिर्फ शत्रु हैं.. कोई सगा नहीं, अपमानित नारीत्व हुआ.. इनको कुछ लगा नहीं, ये आए हैं रण में केवल.. प्राणहरण करने, या तो तुझे मृत्यु देने.. या स्वंय वरण करने, सोचो मत.. ये पतित प्राण हैं, इनके प्राण हरो। सिर […]

हरियाणा के हिन्दी-हरियाणवी साहित्यकारों एवं लेखकों का महासम्मेलन  साहित्यिक सत्र के साथ हुआ l `नए दौर में हिन्दी: अभिव्यक्ति के विभिन्न आयाम`पर इसमें डिजिटल हिन्दी का 10 सूत्री रोडमैप के रुप में लिए गए फैसलों पर डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ ने आभार व्यक्त किया हैl सम्मलेन में यूनिकोड फॉन्ट्स की  अनिवार्यता, हिन्दी में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।