भारती के पुत्र आज, लेखनी उठा के हाथ अपने शहीदों को, सलाम लिख दीजिए। दुश्मनों के संग-संग, होली खेले लाल रंग, ऐसे वीर सैनिकों का नाम लिख दीजिए। खून से से भरे जो मांग, शोले-सी छुपाए आग, ऐसी मातृ शक्ति को प्रणाम लिख दीजिए। देश मे छुपे हैं जो, आतंक […]

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दिल जलाया इस कदर कि राख हो गया, उनकी नजरों में मेरा रिश्ता खाक हो गया। जो चाहने लगे हैं,वो सताने लगेंगे एक दिन, पास आकर एहसान जताने लगेंगे एक दिन… जरा सा संभलकर रहना इन चाहने वालों से, अक्सर औकात याद दिलाने लगेंगे एक दिन.. दिल जलाया इस कदर…….। […]

आज तक याद है, वो मीठा स्पर्श तेरा.. नव-यौवना संकुचित-सी, दुल्हन बन आई नया घर,नए लोग, नया परिचय तुम्हारा।। अब तक मां-बाबा,भाई-बहन से ही पाया स्नेहिल स्पर्श, ये नया-सा अहसास तेरी छुअन का, हाथों में हाथ लेकर मानो कह रहे हों.. आओ संगिनी स्वागत है, मेरे हृदय-कुंज में, जी लें […]

वर्तमान परिदृश्य में देखें तो भारत के सबसे अधिक लोगों के बीच अभिव्यक्ति का,विचार प्रेषित करने का माध्यम हिन्दी भाषा ही है,पर वह सिमटती जा रही है। उसका क्षेत्र कम हो रहा है। आजादी के वक्त जहाँ हिन्दी सम्पूर्ण उत्तर भारत में लोकप्रिय थी और संविधान निर्माताओं ने लक्ष्य रखा […]

अच्छी तरह याद है इतवार था उस दिन… कबाड़ी वाले की आवाज गली में गूंज रही थी घर के कबाड़ के साथ बिक गई थीं कुछ अमूल्य निधि भी बस १२ के भाव में… कब सोचा था कि एक रद्दी बेचने वाला ले जाएगा मेरे जीवन के सारे एहसास कुछ […]

अपनी सुख,सुविधा और आराम के प्रति हर व्यक्ति सचेत होता है,परंतु बात जब ट्रेन से सफ़र की होती है तो ये माध्यम `हाई अलर्ट` पर आ जाता है। सबसे पहली चिंता होती है कि,हम समय पर स्टेशन पहुँच जाए,यातायात में फँस जाने पर एक खीझ आती है,फिर हमारा डिब्बा किस जगह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।