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मेरे घर नई कामवाली बाई ने काम शुरु किया जो बहुत गरीब थी। साथ में ४ बच्चे-३लड़की, १ लड़का। मैंने पूछा-आज के समय में इतने बच्चे.. कहने लगी कि, बेटे के इंतज़ार में लड़कियां हो गयी। पति ज्यादा कमाता भी नहीं था। जो कमाता था वो दारु में उड़ा देता […]

दूर-दूर तक जिंदगी के आखरी नजारे देख रहा हूँ, बीमारी की हालत में जाते हुए लम्हें देख रहा हूँ। हर शख्स चेहरे की किताब नहीं,जिसे तुम पढ़ लो, अपने दर्द की नजाकत में मौत के जर्रे देख रहा हूँ। वो एक फरिश्ता आएगा आसमां से,ले जाने मुझे, उसी के आने […]

भूतल पर झुका हुआ अंबर, है हरित आवरण मृदुल धरा.. सिंचित है तन-मन-यौवन, है खोया-खोया-सा उपवन।। इच्छाओं की बहती धारा में, डूब रहा वह कंठ-कंठ तक.. है छिटक रहा मधु का प्याला, है छिन-छिन घटता ये जीवन।। मिलन-मिलाप की उत्कंठा में, शीतल होते कई बरस.. झर-झर झरता है झरना, बस कर्मयोग […]

सहा जो उम्र भर,वही अजाब लिख रही हूं मैं, डूबे अश्कों में वक्त की किताब लिख रही हूं मैं। न जानेगा कभी दिया तूने मुझे क्या-क्या, मिले जो खार थे,उन्हें गुलाब लिख रही हूं मैं। पढ़ेगा क्या मुझे कोई सफों में जिंदगी के अब, हवाओं के परों पर तो निसाब […]

निश्छल,निष्पाप,प्यार से बंधी है, मेरी माँ रिश्तों से नहीं,दिल से बनी है। गलतियां वो हमारी हमें ऐसे बताती है, जहाँ दिलों में हमारे अपने प्यार को बढ़ाती है। हर बंधन,हर रिश्ता उसे एक-सा लगता है, दुश्मन भी अपना उसे दोस्त-सा लगता है। अथाह सागर है प्यार का उसके पास, हर […]

(संविधान निर्माता डॉ.भीमराव आम्बेडकर जी की जयंती पर विशेष ) दलितों के मसीहा डॉ. आम्बेडकर बाबा, जन-जन की भावनाओं से रखा नाता ।। विश्व विख्यात हुआ संविधान हमारा, सबको दिखाया समरसता का रास्ता।। संविधान में सबको दिया समान हक, इतिहास में अमर हुए आम्बेडकर बाबा।। छूआछूत,द्वेष को समाज से किया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।