साहित्य अकादमी द्वारा म. प्र. के 80 लेखकों को मिलेगा अनुदान, प्रदेश की छः बोलियों के साहित्यिक कृति के पुरस्कार भी घोषित

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भोपाल। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग, भोपाल द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2022 एवं कैलेण्डर वर्ष 2023 हेतु प्रदेश के लेखक की प्रथम कृति के प्रकाशनार्थ श्रेष्ठ पाण्डुलिपियों की घोषणा कर दी है। प्रति पाण्डुलिपि रुपये 20,000/- (रुपये बीस हजार) की सहायता अनुदान प्रतिवर्ष कुल 40 पाण्डुलिपियों को दिया जाता है। इस प्रकार दो वर्षों की कुल 80 पाण्डुलिपियों का चयन किया गया है।

साथ ही साहित्य अकादमी द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2022 और कैलेण्डर वर्ष 2023 के मध्यप्रदेश की छः बोलियों (मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी) के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। प्रति पुरस्कार रुपये 51,000/- (इक्यावन हजार) के साथ शाॅल, श्रीफल, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति के साथ रचनाकारों को अलंकृत किया जाता है।

साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने बताया कि कैलेण्डर वर्ष 2022 एवं कैलेण्डर वर्ष 2023 हेतु प्रदेश के लेखक की प्रथम कृति प्रकाशन योजना के अंतर्गत-रविशंकर विलगैयां ‘रवि’-पृथ्वीपुर, महेश कुमार पचौरी-भोपाल, नर्मदा प्रसाद-नर्मदापुरम, रास बिहारी शरण पाण्डेय-भोपाल, डॉ. रीता राज-भोपाल, प्रमोद कुमार शर्मा-नर्मदापुरम, हेमलता भारद्वाज-इंदौर, सुरेखा सरोदे-इंदौर, डॉ. मीनाक्षी दुबे-भोपाल, अमिता त्रिवेदी-भोपाल, प्रियंका मिश्रा-विजयराघवगढ़, विक्रांत भट्ट-रतलाम, प्रिया अवस्थी शर्मा ‘शब्दिता’-वारासिवनी, अजय शंकर मिश्रा-भोपाल, सरोज दवे-भोपाल, अर्चना पंडित-इंदौर, दिनेश दवे-इंदौर, हरीश साथी-इंदौर, शशि बंसल गोयल-भोपाल, हरि जोशी-भोपाल, प्रेम चन्द्र गुप्ता-भोपाल, अर्चना गुप्ता-बालाघाट, गोपाल देव नीरद-बालाघाट, संगीता शुक्ला-शहडोल, डॉ. लीना कुलथिया-टीकमगढ़, संजय शर्मा-उज्जैन, सुषमा श्रीवास्तव-भोपाल, संजय सिंह राठौर-भोपाल, मनु शर्मा-अशोकनगर, देवप्रिया अमर तिवारी-नौगांव, आराधना राय-दमोह, प्रेेक्षा सक्सेना-भोपाल, सीमा मनीष शर्मा-इंदौर, वैदेही कोनरी-रतलाम, डॉ. संध्या सिलावट-इंदौर, अनुराधा अंजनी-रीवा, वंदना त्रिपाठी-विदिशा, छक्कूलाल प्रजापति-मालथोन (सागर), दिनेश शर्मा-इंदौर, गीत धीर-भोपाल, अमर सिंह राजपूत-दमोह, मनीषा शर्मा-जबलपुर, बी.के.शर्मा-इंदौर, जयश्री उपाध्याय-बड़वाह, डॉ. दीपा मनीष व्यास-इंदौर, डॉ. अंशुल जैन आराध्यम-भोपाल, दर्शना जैन-खण्डवा, मंजुला दुबे-महेश्वर, राम अवतार शर्मा-मुरैना, तुषार कोठारी-रतलाम, सोनम निनामा-इंदौर, ऋतु मिश्र-इंदौर, मनीषा व्यास-इंदौर, प्रीति चौधरी-देवास, भोले नेमा चंचल-छिंदवाड़ा, अमित जैन-करेली, संदीप साधव-धामनोद, निरुपमा त्रिवेदी-इंदौर, बविता चतुर्वेदी-विदिशा, डॉ. अर्चना त्रिवेदी-इंदौर, सुनीता केसवानी-भोपाल, रेखा कापसे ‘मांडवे’-नर्मदापुरम, सतीश जोशी-इंदौर, डॉ. मीना स्वर्णकार-आगरमालवा, डॉ. शशि निगम-इंदौर, मंजू खरे-दतिया, शील कुमार दुबे-करेली, डॉ. नीरज श्रीवास्तव-अनूपपुर, नंदकिशोर उपाध्याय-धार, ब्रजेन्द्र नागर-इंदौर, डिनल हितेश शाह-बुरहानपुर, अनिल ओझा-इंदौर, रेणु लेसी फ्रांसिस-इंदौर, जयकृष्ण चांडक-हरदा, सुशील कुमार व्यास-सारंगपुर, वंदना खरे-अनूपपुर, डॉ. अनुराधा शुक्ला-शहडोल, सुरेन्द्र सिंह राजपूत-देवास, शशिकांत यादव-देवास एवं कमलेश बैस-आलोट की पांडुलिपि प्रकाशन सहायता अनुदान के लिए स्वीकृत हुई है।

वर्ष 2022 एवं वर्ष 2023 के पुरस्कारों की घोषणा

कैलेण्डर वर्ष 2022 हेतु- ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार श्री रजनीश दवे-इंदौर की कृति ‘आस की ओसारी’,‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार श्री विजय कुमार जोशी-महेश्वर की कृति ‘आस तीस का लाड़ू’, ‘बघेली’ के लिए श्री विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार श्री सीताशरण गुप्त-मैहर की कृति ‘जगन्नाथ केर परसाद’, ‘बुंदेली’ के लिए श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार पं. मनीराम शर्मा-दतिया की कृति ‘हम हैं इन गाँवन के ठौर के’ को दिया गया है। ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई।

कैलेण्डर वर्ष 2023 हेतु ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई, ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार श्री राकेश गीते ‘रागी’-खरगोन की कृति ‘गुड़ की गाँगड़ी’, ‘बघेली’ के लिए श्री विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार चन्द्रिका प्रसाद ‘चन्द्र’-रीवा की कृति ‘रिस्तन केर निबाह’, ‘बुंदेली’ के लिए श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार श्री मनोज कुमार तिवारी-बड़ामलहरा की कृति ‘बोल बुन्देली’ को दिया गया है। ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।