जगत् गुरु शंकराचार्य का आशीर्वाद साहित्य ग्राम को मिला

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हिन्दी भाव की भाषा- जगत् गुरु शंकराचार्य ज्ञानानंद तीर्थ

इन्दौर। अखण्ड धाम में 57वां अखिल भारतीय श्री अखण्ड वेदांत संत सम्मेलन में भानपुरा पीठ के जगत् गुरु शंकराचार्य ज्ञानानंद तीर्थ जी व महामंडलेश्वर डॉ. चैतन्य स्वरूप स्वामी जी ने साहित्य ग्राम के दिसम्बर अंक का लोकार्पण किया।

भानपुरा पीठ के शंकराचार्य जगत् गुरु ज्ञानानंद तीर्थ ने कहा कि ‘भारत सहित विश्व में भाषाएँ भिन्न-भिन्न प्रकार की हैं,किन्तु जब बच्चे जन्म लेते हैं तो पूरी दुनिया के बच्चे एक ही भाषा में रोते हैं, वह ममत्व की भाषा है।
हमारी हिन्दी भाषा में ‘ह’ पर भी शिखर है और ‘द’ पर भी शिखर है। हमारी हिन्दी शिखरों की भाषा है। हमारा भारतीय साहित्य अनादि काल से मानव संस्कृति को चैतन्य करता आ रहा है। साहित्य के बिना जीवन सींग-पूछ रहित पशु की तरह हो जाता है। हिन्दी में जो भावों की अभिव्यक्ति है वह अन्य भाषा में दुर्लभ है। साहित्य ग्राम के माध्यम से निरन्तर साहित्य और हिन्दी सेवा होती रहे, यह कामना है।’

पूज्य शंकराचार्य जी व महामंडलेश्वर डॉ. चैतन्य स्वरूप स्वामी जी ने मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व साहित्य ग्राम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ का अभिनंदन किया।
इस मौके पर राजेन्द्र गुप्ता, भावेश दवे, सौरभ पँवार आदि मौजूद रहे।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।