एक राजा को मलाई रबड़ी खाने का शौक था। उसे रात में सोने से पहले मलाई रबड़ी खाए बिना नीद नहीं आती थी। इसके लिए राजा ने सुनिश्चित किया कि खजांची नौकर को रोजाना चार आने दे मलाई लाने के लिए। यह क्रम कई दिनों तक चलता रहा। कुछ समय […]

एक समय था जब साहित्यकारों का सम्मान अतुलनीय था। उनकी रचनाएं व किताबें छापने के लिए प्रकाशकों की भीड़ लगी रहती थी। बदले में उन्हें मानदेय और लाभांश भी मिलता था, जिससे उनका जीवनयापन आसानी से चल जाता था। वह अधिक से- अधिक लेखन में ही ध्यान देते थे । […]

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प्रायः यह देखा गया है कि,आज की युवा पीढ़ी जिन्दगी को जीना नहीं चाहती,बल्कि उड़ना चाहती है। पा लेना चाहती है सबकुछ, कुछ ही पलों में। धैर्य,शान्ति,सबर जैसे शब्द तो जैसे उनकी जिन्दगी में ज्यादा मायने ही नहीं रखते। ऐसे हालातों में संवाद ही एक ऐसा जरिया है,जिससे युवा पीढ़ी […]

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जीवन में कभी, लगता है यूँ ही.. कुछ कर्म कटें कुछ बोझ हटे शायद तब ही लेती ज़िंदगी आज़माइशें……। कुछ उलझे पल, कुछ बोझिल दिल… कुछ थकता मन यादें पल छिन शख्सियत को मुक्कमल करतीं आज़माइशें……। कोई अंत नहीं दूजा पंथ नहीं. न चैन कहीं न विकल्प कोई करतीं मन […]

किसी असहाय का दुख दर्द बढ़कर कौन समझेगा, मुसीबत क्या है यह अपने से बेहतर कौन समझेगा। भरे बाजार में बिकने को जो मजबूर हो जाते- विवशता बेबसों की मेरे ईश्वर कौन समझेगा।   #डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी ‘नीरव’ Post Views: 630

चींटी एक चढ़ी पर्वत पे, गुस्से से होकर के लाल। हाथी आज नहीं बच पाए, बनके आई मानो काल।। कुल मेटू तेरे मैं सारो, कोऊ आज नहीं बच पाय। बहुत सितम झेले हैं अब तक, आज सभी लूंगी भरपाय।। कुल का नाश किया मेरे का, रौंद पैर के नीचे हाय। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।