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  सोते नहीं बना,कभी जगते नहीं बना, घुट-घुट किसी की याद में मरते नहीं बना। सबने कहा यही उसे दिल से बिसार दूं , पर बेवफा को दिल से बिसराते नहीं बना। कांटों में रह के हंसने की कोशिश तमाम की, फूलों की तरह पर कभी हंसते नहीं बना। वह […]

हुआ पतन है संस्कारों का क्रोध बहुत अब आता है। पाखण्डी को देख-देखकर धर्म खड़ा शर्माता है॥ बेच चुके निज आन-बान को,धर्म बेचने वाले हैं। गन्दी मछली के कारण अब नीरकुंड भी नाले हैं॥ हम तो समझा करते थे कि धर्म बचाने आएंगे। पता नहीं,आभास नहीं था इसे बेचकर खाएंगे॥ […]

आज इन होंठों पे नया राग दे दो, इक नगमा खामोश है उसे आवाज दे दोl …. आंसूओं को आंखों में छिपाकर दोस्तों, मुस्कुराने का नया अंदाज दे दोl …. उलझती है जिंदगी हरदम सवाल में, कोई आज सवालों का सीधा-सा जवाब दे दोl …. वो कैसा नशा था,जो दो […]

तुम्हारी एक अलग पहचान है. बैठे हो ऊपर शिखर के यही कारण है आगे हो सबसे,पर अनिकट भी उतने हीl मुझे नहीं भाती दूरी, चलना इतनी गति से कि,पीछे छूट जाएं सबl चढ़ा था एक दफा, पारसनाथ पहाड़ पर देखा नीचे सब धुँधला-सा दिखा भयभीत हूँ तब से ऊँचाइयों सेl […]

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भगवान और भक्त  के बीच काठ का नहीं,आस्था व विश्वास का अटूट नाता है। श्रद्धा के इस पावन रिश्ते में हैवान का क्या काम?,पर नहीं हैवान तो भगवान से बढ़कर है। भगवान के दर पर इनकी जीती-जागती प्रतिमूर्ति नजर आती है। आस्था के नाम पर धर्म के बिचौलिए बन बैठे […]

बचपन की टोकरी,           निश्चल प्रेम सोचती।                 दोपहर सारी मस्ती,                      बचपन खो गया॥ उपवन भरे पुष्प,         फल तोड़ खाए भूल।         […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।