अनुशासन बंधन नहीं है। प्रकृति भी अनुशासित है। देखो न, पृथ्वी और सारे ग्रह अपनी निश्चित परिधि में निश्चित गति पर सूर्य के चक्कर लगाते हैं। दिन रात, मौसम चक्र, सब इसी प्रबंधन का परिणाम है। पृथ्वी यदि कह दे , मैं तो बोर हो गई, या थक गई, एक […]
अपने पुरखों को पन्द्रह दिन में याद कर लेना। अपनी अंजुलि में तिल के साथ नीर भर लेना॥ श्राद्ध तर्पण करो पितरों को, तृप्त कर कर के। पुण्य का काम है कर्तव्य बोध कर लेना॥ […]
चार -पाचँ दिन से भिड़कर पूरण ने एक जोड़ी `पनही` तैयार की थी। उसके बाप-दादा भी पटेलों के लिए पनही और पटलनों के लिए बाणा गढ़ते-गढ़ते ही मरे-खपे थे। यह पूरण का ख़ानदानी काम था। पनही में एक-एक टाँका बहुत मन से टाँकने के बाद पूरण उन्हें चमकाने में जुटा […]
यादों का इक दरिया, तेरे दिल की हर गली से हो के लौट आया है। हर वो याद जिसमें, मेरी तन्हाईयों के तोहफे थे समेट लाया था। तेरी दुनिया की सारी, वीरानियों को आबाद कर खुद को तन्हा कर आया। यादों का इक दरिया, बहाकर सारे सितम खुशियों के चराग […]
ये ग़ज़ल है मेरी आपका घर नहीं, इसमें करवट न कोई बदल पाएगाl मैंने तेरे लिए इक ग़ज़ल लिख दिया, इसको पढ़ के मेरा दिल सम्हल जाएगाll ये ग़ज़ल….. जब तुम्हारे लिए आईना देखता, तुम हमारे ह्रदय में उतर जाती होl हुस्न का रंग तुम्हारा निखर जाता है, बातों-ही-बातों में […]
यारों आपकी दुआओं में हमें याद किया करो। नियति सुख में भूल, गमों में याद किया करो॥ अक्सर जब गम-ए-लम्हें नागिन बनके डंसते हैं। कुछ न सोचो, न डरो,जरा मदिरा पिया करो॥ यार छूटे, प्यार टूटे, दिल के टुकड़े हो जाए। डरना न कभी, काम हिम्मत से लिया करो॥ जीना […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।