एक प्यारी बच्ची,जिसकी माँ नहीं है वो रात को छत पर अकेले बैठे-बैठे चंदा मामा से कहती है… चंदा मामा तुम आ जाओ, नींद न आती लोरी गाओ॥ बिन माँ आँचल जीवन सूना, चाहूँ माँ का प्रेम ही छूना॥ चंदा मामा तुम बतलाओ, प्रभु क्यों पाषाण मन बताओ॥ इनकी माँ […]

  मैं नारी हूँ, मुझे गर्व है, ईश्वर की श्रेष्ठ कृति हूँ मुझे घमण्ड है। वात्सल्य की मूरत हूँ, प्रेम की प्रेरणा हूँ। सहनशील हूँ सहज हूँ, दुर्गा भी और काली भी। हैं मेरे रूप अनेक पर, सबसे ऊपर मैं ‘माँ’ हूँ। अपने उदर से मैंने नवजीवन को जना है, […]

 डॉ. मनोहर भण्डारी…….. मातृभाषा किसी व्यक्ति,समाज,संस्कृति या राष्ट्र की पहचान होती है। वास्तव में भाषा एक संस्कृति है, उसके भीतर भावनाएं, विचार  और सदियों की जीवन पध्दति समाहित होती है। मातृभाषा ही परम्पराओं और संस्कृति से जोड़े रखने की एकमात्र कड़ी है। राम-राम या प्रणाम आदि सम्बोधन व्यक्ति को व्यक्ति से तथा समष्टि से जोड़ने वाली सांस्कृतिक […]

सोनू को उसकी सहेलियां,`सोनू` नाम से कम,`माधुरी दीक्षित` नाम से अधिक पुकारती थी। उसकी सुंदरता के चर्चे सारे शहर में थे। उस पर उसकी सादगी और संस्कारों ने उसकी सुंदरता में चार चांद लगा दिए थे। सोनू के घर से कुछ ही दूरी पर सुनील नाम का ब्राम्हण लड़का रहता […]

थोड़ी-सी गलती मेरी है,और तुम्हारी भी थोड़ी-सी। कौन मगर गलती करके भी,अपनी गलती को स्वीकारे॥ हमने अपनी मन तृष्णा के, घोड़े जीवन भर दौड़ाए। मैं भी राम नहीं बन पाया, तुम भी खुदा नहीं बन पाए॥ हम दोनों ही भौतिकता की, चाहत की चाहत से हारे। कौन मगर गलती करके […]

साँसों की बज रही बाँसुरी गूंज रहा है मन-वृंदावन, तड़प रही प्राणों की राधा जाने कहाँ छिपा मनमोहन। छलिया तन-कदम्ब पर बैठा रचता चीरहरण की लीला, कर्मों की यमुना में डूबा हर गोपी का तन-मन गीला। हर आँचल में भरी निराशा, सिसक रहा है आँगन-आँगन॥ सम्बन्धों की इस मथुरा में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।