दो नैन जब चार हो जाते हैं, ख्वाबों में अक्सर वो अाते हैंl कुछ भी याद नहीं रहता तब, जब दिल आपस में मिल जाते हैंll सुबह से जगकर शाम तक वो, एक भी न काम कभी कर पाते हैंl चुपचाप सुनते हैं बातें वो सबकी, न ही किसी को […]
सादा रहोगे तो स्वादी रहोगे, कभी-क़भी जायका लहजा बिगाड़ देता हैl जमीं पे रहोगे तो आसमाँ से लगोगे, कभी-कभी उड़ना गिरा भी देता हैl मीठा बोलोगे तो चापलूस बनोगे, कभी-कभी कड़वा भी स्वाद ला देता हैl जिंदगी में जितना छोड़ोगे उतना मिलेगा, कभी-कभी छोड़ना भी कुछ […]
हर नदी के पास वाला घर तुम्हारा, आसमां में जो भी तारा हर तुम्हाराl बाढ़ आई तो हमारे घर बहे बस, बन गई बिजली तो जगमग घर तुम्हाराl तुम अभी भी आँकड़ों को गढ़ रहे हो, देश भूखा सो गया है पर तुम्हाराl तब तुम्हें कोई मदारी क्यों कहेगा, छोड़कर […]
जीवन में भर दे संस्कार,वही तो शिक्षक है, अंधेरे में कर दे उजियार वही तो शिक्षक हैl माटी को दे जो आकार,वही तो शिक्षक है, जो नित नए गढ़े किरदार वही तो शिक्षक हैl नदी-सा बहना,पेड़ों जैसा झुकना सिखाए, जो भाव भरे परोपकार वही तो शिक्षक हैl फूलों-सा महकता हो,भौंरे-सा […]
एक मुहल्ले में दो परिवार रहा करते थे,विमल वर्मा और शांति सहाय। विमल वर्मा की पत्नी का नाम दुर्गा देवी और शांति सहाय की पत्नी का मृदुला थाl शांति सहाय कारोबारी थे,मन से शांत निर्मल स्वभाव दिल से कोमल और परिवार की शांति उनकी पूंजी थी। उनकी पत्नी भी बड़ी […]
आदरणीय भाषासारथी, मातृभाषा.कॉम आप सभी वरिष्ठ और नवोदित रचनाकारों के लिए एक सुनहरा अवसर लाया है, जहाँ हम परिवारजन जो बीते कई महीनों से वेब पर अपनी रचनाएँ प्रकाशित करवा रहे हैं,अब अपना साझा काव्य संग्रह भी प्रकाशित करने जा रहा है..इसका नाम ‘मातृभाषा’ ही होगा और नाम अनुरुप विषय […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।