भोर का खुला आसमान नव प्रभात की बेला में, दोनों हाथों को फैलाकर उड़ जाऊँ पंछी बनकर, और नाप लूँ नभ को उम्मीदों के पंख लगाकर। इस छोर से उस छोर तक दूर क्षितिज में खो जाऊँ, अपना अतीत बनकर या में तितली बनकर, मंडराऊँ फूल-फूल पर। रंग-बिरंगे फूलों की […]
हम उस धरती पर जन्मे हैं, हुए जहाँ तेजाजी हैं, गौ माता को बचाने वाले,ददरेवा के गोगाजी हैं। बैलों की पूजा करवा दे,लोक अजर हरबुजी हैं, शरणागतों की रक्षा करते,कोलू में पाबूजी हैं। जब-जब दुग्ध दिया है तुमको,गौ माता कहलाई है, क्या है अपराध मात का जो,काटे आज कसाई है। […]
शहर के नामी अस्पताल के, वीआईपी कमरे के बेड पर, अनेक आधुनिक मशीनों से, घिरा मैं घड़ी की सुईयों को, ताकता हुआ गिन रहा हूँ, अपने जीवन के अंतिम पल, टिक-टिक की आवाज… साफ गूँज रही है, मेरे कानों में डाक्टर-नर्स भी, दवा देकर थककर जा चुके हैं मुझे, शायद […]
तेरे ज्योतिर्मय शतदल पर, करतल बीन बजाती है माँ। तेरी जीवन देव धुनी में, सारे उर पत्थर बह जाते। कठिन कुलिश जगती के जितने, कोमल संजीवन बन जाते॥ मन में उर्मि जगाती आती, उन सुकुमार स्वरों […]
प्रतिदिन नमन मेरा प्रथम गुरूवर को, नमन मेरा प्रतिदिन अंतिम गुरूवर को॥ गुरू ज्ञान है गुरू मान है गुरूओं कारण ही पहचान है, दिया न होता ज्ञान गुरू ने ज्ञान रहित होता अन्ध मेरा मन, चक्षु रहित पशुवरत होता तन॥ प्रतिदिन नमन मेरा प्रथम गुरूवर को, नमन मेरा प्रतिदिन […]
बात लबों तक तो आएगी, पर दबी रह जाएगी। गर शब्दों के लिए जगह न होगी महफिल में कविताएँ शोक मनाएंगी, ग़ज़ल दबी रह जाएगी। आलम ये होगा दुनिया का मन्दिर पडे़ होंगे खाली, मूर्ति मिट्टी में दबी रह जाएगी कोई नहीं जाएगा, किसी मय्यत पर रोने कांधा पाने की […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।