चंदा मामा,माँ लौटा दो…

0 0
Read Time1 Minute, 34 Second
avnesh
एक प्यारी बच्ची,जिसकी माँ नहीं है वो रात को छत पर अकेले बैठे-बैठे चंदा मामा से कहती है…
चंदा मामा तुम आ जाओ,
नींद न आती लोरी गाओ॥
बिन माँ आँचल जीवन सूना,
चाहूँ माँ का प्रेम ही छूना॥
चंदा मामा तुम बतलाओ,
प्रभु क्यों पाषाण मन बताओ॥
इनकी माँ को यम ले जाते,
बिन माँ के क्या ये रह पाते॥
ले लो मेरी गुड़िया सारी,
कुर्ती जो मुझे सबसे प्यारी॥
बदले मेरी माँ लौटा दो,
चेहरे पे तुम ख़ुशी ला दो॥
कैसे मामा हो तुम मेरे,
तोड़े हो तुम ख्वाब सुनहरे॥
खुद को तुम भगवान कहाते,
फिर मेरी ख़ुशी क्यों न लाते॥
हाथ जोडू करुं मैं विनती,
याद करुं मैं पूरी गिनती॥
अब न कोई मांगूं खिलौना,
चाहूँ माँ का आँचल कोना॥
                                                              #अवनेश चौहान ‘कबीर’
परिचय: अवनेश चौहान ‘कबीर’ की जन्मतिथि-१ जुलाई १९८५ और जन्म स्थान-चन्दौसी है। आप उत्तर प्रदेश राज्य के शहर-चन्दौसी(जिला-संभल) निवासरत हैं। स्नातक तक शिक्षित श्री चौहान का कार्यक्षेत्र-वित्त है। आप अधिकतर दोहे रचते हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-आत्मिक संतुष्टि है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

याद किया करो

Thu Sep 7 , 2017
यारों आपकी दुआओं में हमें याद किया करो। नियति सुख में भूल, गमों में याद किया करो॥ अक्सर जब गम-ए-लम्हें नागिन बनके डंसते हैं। कुछ न सोचो, न डरो,जरा मदिरा पिया करो॥ यार छूटे, प्यार टूटे, दिल के टुकड़े हो जाए। डरना न कभी, काम हिम्मत से लिया करो॥ जीना […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।