बदल चुका है देश का मौसम, बदल चुका है ये इंसान राजनीति की चक्की में, पिसती जा रही आम अवाम। धर्म-जाति में भेद बताकर, राजनीति की धौंस दिखाकर सांप्रदायिकता का जहर घोलकर, राम किए जा रहे बदनाम। राजनीति की….ll देशभक्तों का कोई मान नहीं है, देशसेवा का कुछ ज्ञान नहीं […]

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कभी मत सोचना साजन हिया से दूर जाने कीll   पिया से दूर रहकर क्यों  जिया   बेचैन   होता  है, मनोरथ व्यर्थ हो जाता किसी का चैन  खोता है।   हृदय में चाह रहती है सदा प्रिय को लुभाने कीll   चली ठंडी हवा देखो  लिए मधुगन्ध फूलों की, […]

हे ज्ञानदायिनी माता विशवास अटल कर दो, नभ् में ,तम में, जग में,सब में कीर्ति अमर कर दो॥ अनिश्चितता को दूर भगाकर मन स्थिर कर दो, भक्ति ,ज्ञान का पाठ पढ़ाकर मेरी बु द्धि प्रबल कर दो॥ सारे संशय दूर भगाकर मन निर्मल कर दो , मा नवता की रह […]

सभ्यते नियति-अभिशप्त ग्रीष्म परितप्त, अर्द्घ-नग्न पर्वत को सुनहली मदिरा पिलाकर, आलिंगन में बाँधकर दिगम्बर क्यों बनाती हो? उसके शुष्क श्यामल व्यथित पल-पल गगन में लहराते कुन्तलों को, कुल्हाड़ियों से काट-काटकर क्यों अपने को सजाती हो? उसके हृदय के ज़़ज़्बाती शोणित को क्यों अपने पांवों का महावर बनाती हो? अपने उच्छिष्ट […]

हे माधव, कहाँ…हो आओ.. हे ..नाथ भूल चुके हैं पार्थ। कर्म ..की ..गीता कर्तव्य..से..रीता धर्म का आवाहन् नहीं ..रहा..पावन। जब…. कि , पाप ..का ..सूरज ..चढ़ा है, जयद्रथ ने चक्रव्यूह गढ़ा है महाभारत की पृष्ठभूमि तैयार है कुरुक्षेत्र.. में ..रण.. हुंकार … है। किन्तु …गांडीवधारी अर्जुन, मोह.. की ..माया ..से […]

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यूँ तो हमारे जीवन में छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं,जिन्हें हम भूल भी जाते हैं, और यदा-कदा याद भी कर लेते हैं, लेकिन,कुछ हादसे ऐसे होते हैं, जो संस्मरण बनकर हमारी स्मृतियों में गहरे पैठ जाते हैं। मेरे जीवन के स्मृति पटलसे ऐसा ही एक संस्मरण..         […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।