लाखों घर बर्बाद हो गए इस दहेज की बोली में, अर्थी चढ़ी हज़ारों कन्या बैठ न पाई डोली में। कितनों ने अपनी कन्या के पीले हाथ कराने में, कहाँ-कहाँ है माथा टेका,शर्म आती बतलाने में। क्यों टूट रहे परिवार रोज ही,क्यों फूट रही हैं तकदीरें, लोभी फिर भी खोज रहे,नित […]

कैसे दूँ शरण मैं निर्दोष मानव के हत्यारों को, कैसे मरने दूँ इनके हाथों देश के पहरेदारों को। आज जो शरण मांग रहे,कल वो अपना अधिकार मांगेंगे हमारी मातृभूमि पर,ये बँटवारा रुपी खंजर चलाएंगे,                                  […]

बद-से-बदतर हो रहे,निर्धन के हालात। सुरसा-सी बढ़ने लगी,मँहगांई दिन-रात॥ सूरज नया उगा रहे, मचा-मचाकर शोर। लोकतंत्र को लूटते, लोकतंत्र के चोर॥ रोता आँसू खून के, है मजदूर-किसान। मातम करते खेत हैं,मरघट से खलिहान॥ राजपथों तक ही सदा,सिमटा रहा विकास। पगडंडी की पीर का,किसको है अहसास॥ लगी पेट की आग ने,दिया […]

पुलिस की वर्दी का ऐसा खौफ भी हो सकता है क्या? यह प्रश्न परेशान किए हुए है। जो घटना देखने-पढ़ने में आई है,वह यह कि इंदौर के विजयनगर थानाक्षेत्र स्थित कृष्णबाग कॉलोनी में रात में दो पुलिसकर्मी किसी रमेश नामक व्यक्ति का मकान तलाश रहे थे,वहीं मकान के नीचे रामकिशन […]

चौकी-चूल्हा छोड़ चली है देखो अब भारत की नारी। देशहित में रण में पहुँची है अब भारत की ये नारी॥ बन रानी झांसी की देखो कहर अपना बरपाएगी। कल तक शबनम थी देखो,आज शोला बन झुलसाएगी॥ चली है रण में लिए हौंसला,जलवा नया दिखाएगी। प्रहरी-रक्षक बन ये,अपने लाज वतन की […]

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मेरी तस्वीर को कैद कर लो, मुझे कैद कर लो। मेरे जिस्म को लेकिन, क्या कर सकते हो कैद? मेरे विचारों को अरमानों को, जज़्बातों को मेरे ख्वाबों को, मेरे इरादों को। नहीं जनाब ये, नामुमकिन है और मुझे यकीन भी है, कि एक न एक दिन तुम यकीं करोगे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।