फूलों ने खुलकर खिलना छोड़ दिया, हमने भी कई दिनों से हँसना छोड़ दियाl  हैं तो कई सारे मित्र दुनिया में हमारे, पर हमने भी सबसे मिलना छोड़ दियाl  कहाँ तक याद करते रहें हम ही सबको, हमने भी अब यादों में जीना छोड़ दियाl  मतलब निकाला है सबने हमसे […]

ज़ख्म हम दिल के दिखाएँ तो दिखाएँ कैसे, हो गई है जो ख़ता उसको बताएं  कैसेl  रोज़ नफ़रत की दीवारें है उठाता ये जग, दिल को फ़ित्नों से बचाएँ तो बचाएँ कैसेl  मुफ़लिसी देख मेरी जिसने भुलाया मुझको, ऐसे इंसां को वफ़ादार बताएँ कैसेl  दिल से जो इश्क-मुहब्बत को दिखावा […]

माता का आशीष मिलेगा, सच्ची राहें चुनने से। दुष्कर्मों का मूल मिटेगा, सद्कर्मों के चुनने से॥ कामचोर,पापी,पाखंडी, रोएंगे,पछताएंगे। भक्तों को ही मोक्ष मिलेगा, भक्ति हृदय से चुनने से॥                                            #अवधेश […]

भारत का इतिहास लिखा है,रक्तपात चिंगारी से। जयचंदों के छल प्रपंच,और भारत की लाचारी से॥ युद्ध भले हल्दीघाटी का,कुरुक्षेत्र का संग्राम हो। गैरों ने हो लहू बहाया,छल अपनों का अविराम हो॥ शाह बहादुर ज़फ़र सरीखे,भारत माँ के लाल हुए। मातृभूमि खातिर बर्मा में,वे जाकर निज प्राण दिए॥ पृथ्वीराज चौहान से […]

तुम पुष्प से सुकुमार हो,तलवार की भी धार हो। तुम ही भविष्य हो देश का,मझधार में पतवार हो॥ माँ भारती को मान दो,और बड़ों  को सम्मान दो। जो दुष्टता करते यहाँ,उन दुष्टों को अपमान दो॥ कर्तव्य पथ पर बढ़ चलो,और जीत सिर पर मढ़ चलो। जो सतजनों को सताता हो,दुष्टों […]

प्रथम हमारी ‘जननी’ माता। दूसरी हमारी ‘धरती’ माता।! तीसरी हमारी ‘प्रकृति’ माता। चौथी हमारी ‘नदियाँ’ माता। पाँचवी हमारी ‘गैया’ माता। छठवीं हमारी ‘रोज़ी-रोटी’ माता॥ #डा. महेशचन्द्र शांडिल्य Post Views: 715

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।