उतरेंगे केवल वही,भवसागर के पार। जीवन भर थामे रहे,जो सत की पतवार॥ अंतस में होते सदा,वे जन ही आसीन। मानव सेवा में रहे,जो श्रृद्धा से लीन॥ बदल सका है कौन कब,नियत समय की चाल। विधिना ने जो लिख दिया,होता है हर हाल॥ लोग वही पाते सदा,जग में अलग मुकाम। ओरों […]