नाहक तू शोक मनाय,डरता तू अकारन। आत्मा अजर अमर बंधु,कौन सकता मारन ? जो होता अच्छा होता,मत कर तू संताप। खोखला कर दे मनुवा,भूत का पश्चाताप॥ क्या खो दिया जो लाया,किस बात का विलाप। यहीं लेकर दिया तूने,कर भगवन का जाप॥ मुट्ठी बंद कर आया तू,जाना खाली हाथ। आज तुम्हारे […]