धवल कुर्तों की जेबों से, निकले अब तक आश्वासन है। झूठे वादों,झूठे स्वप्नों से, कब घर में,आता राशन है? जनता हुई बस द्रोपदी-सी, तैयार खड़ा दुशासन है। सेवा सुश्रुषा,सब बीती बातें, आँखों में बस सिंहासन है। कुंडली मार बस,बैठे इस पर, इनका यह प्यारा आसन है। गांधारी-सा पट्टी बाँधे, चलता […]

ग़ज़ल में शेर कह करके इशारा कर दिया जाए, कबाहत को गिराया जाए पारा कर दिया जाए। हमारी पीठ भी ख़ंजर की नीयत को समझती है, उसे हुशियार क़ातिल से दुबारा कर दिया जाए। #विवेक चौहान  परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन […]

मुट्ठी भर खुशियों की खातिर, छटपटाता इंसान अरमानों के आईनों में, बालू से घर बनाता इंसान। यह वह नहीं जानता। कि… उसका यह घर ढह जाएगा एक दिन, बिखर जाएंगे इसके हर कण हो जाएगा एक दिन चूर, ये खुशियां होती हैं थोड़ी इकट्ठा करता है जिन्हें वह चुन, ये […]

जीवन का संघर्ष कठिन है, खुद ही खुद से लड़ना पड़ता है और स्वयं कविता लिखकर के, स्वयं उसे पढ़ना पड़ता है। अंतर्द्वंद हमेशा चलता, सदा हृदय में अगर मगर है स्वयं चला पथ पर तो जाना, सरल नहीं है कठिन डगर है॥ बड़े-बड़े गड्ढे हैं पथ पर, कंटक भी […]

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आज फिर खाली हाथ ही लौटा हूं.. गले लगा पत्नी को मैंने धीरे से उसके कान में बोला … मुस्कुराकर वो पलटी और मन्दिर में दीप जलाने लगी … चाय लेकर के आई पास वो और बच्चों संग लाड़ लड़ाने लगी.. बडी़ उम्मीद से भरी थीं उसकी आँखें.. धैर्य धर […]

राह कठिन है जीवन की, पर फिर भी चलते जाना है। नील गगन के पास जाकर, विजय की परचम लहराना है॥ आज गिरे हैं कल उठेंगे, और फिर दौड़ लगाएंगे। राह की कठिनाइयों से हम, नहीं कभी घबराएंगे॥ क्या हुआ जो आज है अँधेरा, कल उजाला हो जाएगा। आज की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।