ज़माने में सभी से प्यार के रिश्ते निभाने हैं।
करें नफ़रत जो वो दस्तूर तो सारे पुराने हैंll
बहुत ही खूबसूरत है हमारे देश की धरती,
अभी भी इस जमीं पर सैकड़ों मंज़र सुहाने हैंll
हमेशा इश्क़ औरत मर्द का ही तो नहीं किस्सा,
वतन के प्यार में हमको दिलो-जाँ अब लुटाने हैंll
लगाते आग दहशतगर्द हैं अब आशियानों में,
हमें आतिश के शोलों से सुलगते घर बचाने हैंll
खड़ी हों मुश्किलें,कुछ लोग हैं अच्छा समझते ये,
हमें इन मुश्किलों के बीच से रस्ते बनाने हैंll
फ़क़त माँ-बाप,रिश्तेदार ही होते नहीं अपने,
हमें इस देश की मिट्टी के भी कर्जे चुकाने हैंll
ये हिंदुस्तान है प्यारे,यहाँ के लोग हैं हिंदी,
वतन की वंदना में जो लिखे मीठे तराने हैंll
#डॉ. रंजना वर्मा
परिचय : डॉ. रंजना वर्मा का जन्म १५ जनवरी १९५२ का है और आप फैज़ाबाद(उ.प्र.) के मुगलपुरा(हैदरगंज वार्ड) की मूल निवासी हैंl आप वर्तमान में पूना के हिन्जेवाड़ी स्थित मरुंजी विलेज( महाराष्ट्र)में आसीन हैंl आप लेखन में नवगीत अधिक रचती हैंl