हर  गुत्थी  को  सुलझा  देता  वक्त, कभी  रूला  कभी हंसा  देता  वक्त। बुलंदियों पर जो करता गरूर बशर, पल  में उठा-पल में  गिरा देता वक्त। साहिर इसके जैसा  नहीं जमाने  में, बनी बिगाड़,बिगड़ी बना  देता वक्त। हम सरीखे शागिर्द का सख्त उस्ताद, लेता है इम्तिहान  सिखा  देता वक्त। ‘दिनेश’ करें […]

माँ की गोद में सोइए,माँ है सुख की छाँव। चरण पिता के छूइए,जिनके छाले वाले पाँव॥ माँ घर की लक्ष्मी,भरा रखे वो भण्डार। पिता घर के कुबेर,हमारे हैं वो कर्मधार॥ माँ फूलों की बगिया,महकाए हर क्यारी। अपने बच्चों की हर अला-बला उसने अपने ऊपर वारी॥ अपनी दुःख तखलीफ़ को सबसे […]

कोहरे की चादर तान कर रात सितारों ने बिताई चाँदनी शब भर, शीत से ठिठुरती रही। देख अपने मित्र चाँद की बेबसी रवि ने झट प्राची से, उष्मित सिंदूरी आँचल डाल दिया। धीरे-धीरे फिर आँच देती अपनी असीमित बाहुपाश किरणों से, कोहरे की चादर समेटने लगा। सूरज के बाहुपाश में […]

रावण नहीं राम बनिए, चरित्र के धनी बनिए। मधुर व्यवहार हमेशा करिए, विकारों से मुक्त रहिए। मर्यादा को धारण करिए, सदैव अच्छा आचरण करिए। सदा दूसरों का दुख हरिए, खुश रहिए,खुश करिए। राजयोग का पालन करिए, मनुष्य से देवता बनिए। जीवन अपना सफल करिए॥             […]

रात तुमसे मिली जो मेरी ये नजर, रंग खाबों के अब तक छूटे नहीं। पल दो पल ही सही साथ अपना सनम, हाथ ऐसे मिले फिर तो छूटे नहीं, तुमने हमको कहा इश्क का आसमां, हम जमीं बन रहे साथ छूटे नहीं। आंख क्यों कर खुले ये अमानत तेरी, इनकी […]

अनुसुईया की कठिन परीक्षा, त्रिदेव ने ली पालने में सुला दी थी पुरुष प्रधानता। अग्नि परीक्षा सीताजी ने दी थी, पुरषोत्तम रामजी कहलाए पुरुष प्रधानता। हर युग में दांव पर लगी है, नारी अस्मिता पांचाली लाचार थी, पुरुष प्रधानता। कलयुग में हर कदम पर, नारी परीक्षा भोग की वस्तु बनी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।