हर गुत्थी को सुलझा देता वक्त, कभी रूला कभी हंसा देता वक्त। बुलंदियों पर जो करता गरूर बशर, पल में उठा-पल में गिरा देता वक्त। साहिर इसके जैसा नहीं जमाने में, बनी बिगाड़,बिगड़ी बना देता वक्त। हम सरीखे शागिर्द का सख्त उस्ताद, लेता है इम्तिहान सिखा देता वक्त। ‘दिनेश’ करें […]