कृष्ण कन्हैया श्याम है,मोहन ब्रजगोपाल। दीनबंधु राधारमण,दुखहारक नंदलाल॥ समान अर्थ के शब्द में,भाषा का है ज्ञान। शब्दों की कर साधना,कहते कवि मसान॥ सरस्वती भारती माँ शारद। ब्रह्मासुत ज्ञानीमुनि नारद॥ पवनतनय कपिपति हनुमाना। राघव रघुवर राजा रामा॥ वानर बंदर मरकट कीशा। भगवन ईश्वर प्रभु जगदीशा॥ अम्मा जननी अम्बा माता। पाँव चरण […]
मुंबई l राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री महोदय, प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रीगणों सहित सांसदों,नेता प्रतिपक्ष आदि को भी एक खुला पात्र लिखा गया है। इसका विषय-शिक्षा को अंग्रेजी माध्यम के बोझ से मुक्त करने एवं परिवेश की बोली-भाषाओं में केजी से पीजी-पीएच़डी तक समान-सार्थक औपचारिक शिक्षा व्यवस्था,कानून-न्याय व्यवस्था और रोजगार व्यवस्था […]