कृष्ण कन्हैया श्याम है,मोहन ब्रजगोपाल। दीनबंधु राधारमण,दुखहारक नंदलाल॥ समान अर्थ के शब्द में,भाषा का है ज्ञान। शब्दों की कर साधना,कहते कवि मसान॥ सरस्वती भारती माँ शारद। ब्रह्मासुत ज्ञानीमुनि नारद॥ पवनतनय कपिपति हनुमाना। राघव रघुवर राजा रामा॥ वानर बंदर मरकट कीशा। भगवन ईश्वर प्रभु जगदीशा॥ अम्मा जननी अम्बा माता। पाँव चरण […]

चंद सिक्कों की चमक खनक के आगे, ईमान डावांडोल करते हैं लोग आजकल। वो एक गरीब है जो लाखों का तनबदन, ईमान खातिर लगाता है मजूरी में आजकल। बेशक वो धनवान नहीं है नजर में जमाने की, पर वो ही एक अच्छा बचा है उसकी नजर में आजकल। सफेदी भले […]

विवाह इस मानव जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है और एक सामाजिक दायित्व भी है। यह प्रेम अनुबंध दो मनुष्यों यानि पुरुष एवं स्त्री के परस्पर सहयोग और सहभागिता से आजीवन निभाया जाता है। सफल एवं सुखी वैवाहिक जीवन के कुछ नियम और शर्तें होती हैं,जिनका पालन दोनों के लिए […]

तू जिगर का टुकड़ा है मेरा, कैसे तुझसे मैं अंजान बनूं। तू वस्तु नहीं जान है मेरी, भला कैसे मैं तेरा दान करूं ? तुझसे महकता है मेरा घर-आंगन, तुम्हीं से है मेरा यह जीवन। मेरे जीवन का आधार,मेरा प्राण है तू, भला कैसे मैं तेरा दान करूं ? बस […]

एक मित्र ने कहा, आपको बोलने हेतु मन में एक बात जगी है, जाकेट में ऐसे लगते हो जैसे-जाकेट हेंगर पर टँगी है। आपको देखो तो जादू होता है, खड़ा रहता सामने तुम पण दिखाई नी देता है, कमाल का चेचिस है तुम्हारा जित देखो तित से, एक साँचे में […]

मुंबई l राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री महोदय, प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रीगणों सहित सांसदों,नेता प्रतिपक्ष आदि को भी एक खुला पात्र लिखा गया है। इसका विषय-शिक्षा को अंग्रेजी माध्यम के बोझ से मुक्त करने एवं परिवेश की बोली-भाषाओं में केजी से पीजी-पीएच़डी तक समान-सार्थक औपचारिक शिक्षा व्यवस्था,कानून-न्याय व्यवस्था और रोजगार व्यवस्था […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।