जो तुम न कह पाए,तुम्हारी खामोशी ने कह दिया। रुका हुआ बेबसी का पानी मेरी आँखों से बह गयाll भूलना चाहकर भी भूल नहीं पा रही हूँ। वो प्यार वो वादे संभाल रख न पा रही हूँll वो हँसी वो कहकहे सब कल की बात हो गईl जीता हुआ विश्वास […]

  ‬(अटल जी को जन्मदिन पर  समर्पित) आसमाँ पर एक ही ध्रुव है अटल, है अटल। इस धरा के ध्रुव बनो तुम भी अटल,तुम भी अटल॥ हर किसी की आस्था विश्वास हो तुम, इस हिमालय के चमकते भाल हो तुम… तुमसे ही महके सदा ये विश्व पटल,विश्व पटल। इस धरा […]

हिंदी को प्रचलित तौर पर माथे की बिंदी कहा जाता है। जिस तरह सही बिंदी लगाने मात्र से नारी का व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है,ठीक उसी तरह हिंदी भाषा के शुद्ध प्रयोग से साहित्य और हमारे लेखन की महत्ता भी बढ़ जाती है,लेकिन आज देखने में यह आ रहा है […]

पन्द्रह अगस्त उन्नीस सौ सैंतालिस आया, वीरों ने अंग्रेजों से भारत को मुक्त कराया। उन्मुक्त गगन में तिरंगा झण्डा लहराया, आजाद हुआ भारत,जन-जन हरषायाll    बाबा आम्बेडकर जी ने संविधान बनाया, `वन्दे मातरम्` बंकिमचंद्र चटर्जी ने बनाया। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने `जन गण मन` बनाया, ‘सारे जहाँ से अच्छा’ सबने मिलकर […]

मेरे मौला मेरे मुल्क़ को कुछ ऐसा बना दीजिए। जाति-पाति-धरम का भेद मिटा दीजिए॥ मेरा वतन जग में सबसे निराला रहे। कुछ ऐसी क़रामात करके दिखा दीजिए॥ भारत कभी शिक्षा की राजधानी रही थी। विश्वगुरु हमको फिर से बना दीजिए॥ यहाँ लूटमार-कपट बदनेकियां न रहे। इंसानों के दिल में इंसानियत […]

हँसी आती है मुझे, देखकर चेहरा तुम्हारा…. सुनो… नाराज़ न हुआ करो यूँ हँसता देख मुझे…. तुम पर नहीं हँसती हूँ मैं जब तुम भावुक हो जाते हो न… तो आँखें नम हो जाती है तुम्हारी… एक कोमलता और ममत्व आ जाता है चेहरे पर तुम्हारे….। हाँ,हँसती हूँ मैं तुम्हारे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।