काली स्याह रात थी जिन्दगी मेरी, तुम मुझे सुहानी सहर कर गई।         तुम मई-जून की तपती दुपहरी बन,         मुझे शीतल शाम नवम्बर कर गई। खुद प्यासी नदी बनकर, मुझे पूरा समंदर कर गई।     जब बोलती हो मैं अवाक-सा रहता हूँ, […]

भाग-१…….. वो घर की रौनक है एक अनोखी अलबेली है, वो मेरे घर टॉफी वाली मीठी-मीठी जेली है। रोज देख-देख जिसको दिन अच्छा-सा हो जाता है, वो एक लड़की दीदी-भाभी-मम्मी और सहेली है॥ वो खिलखिलाती-सी मेरे  आँगन में  हरदम खेली है, सुख हो या हो दुःख हर परिस्थिति को झेली […]

हमारे जन्म के साथ ही संसारभर के वे सारे लोग जो हमसे पहले इस दुनिया में जन्म ले चुके होते हैं,हमें सिखाते हैं कि हमें क्या बोलना चाहिए,हमें क्या पढ़ना चाहिए,हमें क्या लिखना चाहिए। हम ये सीख भी लेते हैं-और क्या बोलना,क्या पढ़ना,क्या लिखना हमारे लिए कल्याणकारी है,इसे जैसा का […]

मोहम्मद रफ़ी साहब की जयंती (24 दिसम्बर) विशेष बहुमुखी संगीत प्रतिभा के धनी मोहम्मद रफ़ी का जन्म २४ दिसम्बर १९२४ को पंजाब के अमृतसर ज़िले के गांव मजीठा में हुआ। संगीत प्रेमियों के लिए यह गांव किसी तीर्थ से कम नहीं है। मोहम्मद रफ़ी के चाहने वाले दुनिया भर में […]

आस्था के नाम पर पाखंड,ढोंग और आडम्बर का खेल भारत में जारी है। एक ऐसा ही ढोंग का खेल रचने वाला तथाकथित बाबा फिर सुर्खियों में हैं। दिल्ली के रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय चलाने वाले तथाकथित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर उसी की शिष्या ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया […]

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सुनो राधे… काश तुम मेरा मन नहीं, मुझे चुरातीl  तो मुझे बरसाने से मथुरा, और मथुरा से द्वारिका न जाना पड़ता। न तोड़ने पड़ते निश्छल गोपियों के दिल, न देना पड़ता स्वपालकों को दर्द; न बनना पड़ता… महाविनाश का साक्षीl  पर राधे…, मैं तुम्हारा शुक्रगुजार हूँ… कि, तुमने मुझे… अपने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।