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पन्द्रह अगस्त उन्नीस सौ सैंतालिस आया,
वीरों ने अंग्रेजों से भारत को मुक्त कराया।
उन्मुक्त गगन में तिरंगा झण्डा लहराया,
आजाद हुआ भारत,जन-जन हरषायाll
बाबा आम्बेडकर जी ने संविधान बनाया,
`वन्दे मातरम्` बंकिमचंद्र चटर्जी ने बनाया।
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने `जन गण मन` बनाया,
‘सारे जहाँ से अच्छा’ सबने मिलकर गायाll
राष्ट्रीय ध्वज भारत का तिरंगा कहलाया,
अशोक स्तम्भ प्रतीक चिह्न बन इठलाया।
`सत्यमेव जयते` आदर्श वाक्य कहलाया,
हिन्दी भाषा ने राजभाषा का पद पायाll
भारत का राष्ट्रीय पशु प्यारा `बाघ` कहलाया,
पक्षी `मयूर` गर्वीला बन नाचकर इतराया।
`कमल` का फूल सरोवर में खिलकर मुस्काया,
फलों में सर्वश्रेष्ठ फल `आम` राजा कहलायाll
`हिमालय` भारत का प्यारा मुकुट कहलाता,
मातृभूमि जननी के मस्तक की शान बढ़ाता।
हरियाली परिधान में सुशोभित भारत माता,
सागर हर पल इसके चरण कमलों को धोताll
गंगा की पावन निर्मल जलधारा अविरल बहती,
खेत-खलिहानों को सींचकर हरा-भरा करती।
राम,कृष्ण,बुद्ध,नानक और महावीर की धरती,
सत्य,अहिंसा,प्रेम और शांति का पाठ पढ़ातीll
गांधी,सुभाष,तिलक,भगत ने आजादी दिलाई,
सबने मिलकर सदभावना-प्यार की गंगा बहाई।
हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,पारसी,बौद्ध,जैन,ईसाई,
हिलमिल रहते हैं आपस में हम सब भाई-भाईll
भारत देश दुनिया में ‘जगदगुरू’ भी कहलाता,
‘सोने की चिड़िया’ से भी यह पहचाना जाता।
जननी,जन्मभूमि का स्वर्ग से बढ़कर नाता,
मातृभूमि के चरणों में ‘रिखब’ शीश झुकाताll
#रिखबचन्द राँका
परिचय: रिखबचन्द राँका का निवास जयपुर में हरी नगर स्थित न्यू सांगानेर मार्ग पर हैl आप लेखन में कल्पेश` उपनाम लगाते हैंl आपकी जन्मतिथि-१९ सितम्बर १९६९ तथा जन्म स्थान-अजमेर(राजस्थान) हैl एम.ए.(संस्कृत) और बी.एड.(हिन्दी,संस्कृत) तक शिक्षित श्री रांका पेशे से निजी स्कूल (जयपुर) में अध्यापक हैंl आपकी कुछ कविताओं का प्रकाशन हुआ हैl धार्मिक गीत व स्काउट गाइड गीत लेखन भी करते हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-रुचि और हिन्दी को बढ़ावा देना हैl
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