‘गुनाह करके,बेगुनाह बनता है। जीने वाला भी,हद करता है …॥ यूँ न खामोश,समझ लीजिए उसे; जुबाँ अपनी जो,खामोश रखता है …॥ ज़िन्दगी जीना तो,है उसका काम; पल-पल यहाँ,जो मरता है…॥ उबलते दृगों में,नाम पढ़ अपना…; मुझे तो धुँधला-सा,ये दिखता है…॥ गाहे-बगाहे,बरस लीजिए ‘सावन’। तपस का कहर,बेज़ार करता है…॥  #टी.सी.’सावन’ परिचय […]

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राधा कृष्ण के बिन हमेशा आधी ही रही, पूर्णता के लिए वैवाहिक बंध चाहिए, जो उसे न मिल सका पर क्यों ? क्या द्वापर युग में राजा महराजा और उनकी प्रजा एक पत्नीधारी थे ? कोई उपपत्नियाँ नहीं रखते थे, क्या सवाल का कोई जबाब है ? प्रेयसी केवल प्रेम […]

मन की पीड़ा दिल का दर्द, सबकी बस एक तू ही दवा। मेरे कान्हा,मेरे मालिक तुझसे ये दूरी, कब होगी पूरी कब तक रहूँ मै यहाँ। मन को न भाए झूठे ये रिश्ते, कैसे निभाऊं इन्हें मै जाऊं कहाँ। रोती हैं आँखें याद में तेरी बावला हुआ है ये मन, […]

उपभोक्ता दिवस(24 दिसम्बर) पर विशेष…. उपभोक्ताओं को सुझाव है कि,जब भी वे बाजार में खरीदारी करने जाएं तो दुकानदार की चिकनी-चुपड़ी बातों के भ्रमजाल में न फंसकर जो वस्तु आप खरीद रहे हैं उसको खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच कर लीजिए। जांच के लिए वस्तु की निर्माण कम्पनी […]

कुछ अच्छे पल,कुछ बुरी यादें, कुछ झूठे और कुछ सच्चे वादे। न कोई दोस्त पक्का-सा है, न कोई दुश्मन पराया-सा है। बीते साल को विदा करते हैं और कुछ नए वादे करते हैं। गलतियाँ न दोहराएंगे,ये वादा करते हैं, हर पल मुस्कराने का खुद से वादा करते हैं। न साथ […]

जीने के लिए तो पूरा आसमान बाकी है, यहाँ तो हर कदम पर इम्तहान बाकी है। हम तुम जहाँ-जहाँ साथ चले थे अक्सर, तुम्हारे कदमों के उस जगह निशान बाकी है। अश्क छलकते रहे जज़्बातों में डूबकर, दिल में उमड़ रहा तूफान बाकी है। कविताओं के आवरण को हटने तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।