मेरे शब्दों में ऐसी शक्ति दे माँ, मनभावन मधु्पूरित हो जो। क्षमता हो जिसमें नवचेतना की, संसार को नवपथ दे सके। जीवन को दे सच्ची दिशा, भ्रमितों को उनकी राह दे। माँ शारदे,कर दे कृपा! […]
यूँ तीरगी के साथ ज़माने गुज़र गए। वादे तमाम करके उजाले मुकर गए॥ शायद अलग था हुस्न किसी कोहिनूर का। जन्नत की चाहतों में हजारों नफ़र गए॥ ख़त पढ़ के आपका वो जलाता नहीं कभी। कुछ तो पुराने ज़ख़्म थे पढ़कर उभर गए॥ उसने मेरे जमीर को आदाब क्या किया। […]
कोरे-कोरे सपने मेरे, आकर आज सजा दो तुम। लाल चुनरिया गोटे वाली, तारे असंख्य जड़ा दो तुम। दिल का कोना-कोना रीता, प्यारी ज्योत जला दो तुम। होंठ लरजते जिनसे हमदम, सरगम गीत सजा दो तुम। आँखों की कोरों का काजल, नजरें आज लगा दो तुम। भीगी-भीगी मेरी पलकें, हँसकर ख्वाब […]
चाँद बातें कर रहा, ठिठुरी हुई रात से। आसमाँ की झील में नाव खेता रात भर, चांदनी झींनी पड़ी मूक रहती रात भर। कस रहे तारे ताना, उर के परिघात से । है सफर लम्बा जरा राह भी अवरुद्ध है, सघन तम पसरा हुआ निशब्दिता सम्बद्ध है। निसृत हुए तुहिन […]
देश साहित्यकारों से अटा पड़ा है। हर गली-मुहल्ले, शहर सब स्थानों पर `शादी ही शादी` के बैनर जैसे साहित्यकार ही साहित्यकार के बैनर अटे पड़े हैं। मंच पर श्रोता और मंच के सामने साहित्यकार बैठे पाए जाते हैं। ये कुछ भी नया नहीं है। साहित्यकार तो पहले भी होते रहे […]
हर हकीकत रूबरू होने लगी। रंज की जब गुफ्तगू होने लगीll खिल गया जब प्यार का इक बीज भी। नफरतें फिर चारसूं होने लगीll अब नहीं महफूज़ है कोई यहाँ। बालिका बे-आबरू होने लगीll पर्व कोई हम मनाएँ जब कभी। ईश की फिर तू ही तू होने लगीll मिल गया […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।