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पीछे मुड़कर देख पथिक तू कहां चला है,                                                      सोचकर गंभीर तू कहाँ चला है। याद कर अपनी मंजिल जो ठानी थी, कर पल-पल को […]

निकला सूर्य बिखेरी किरणें भोर उठ गया, फिर भी बेंच पड़ी है खाली। हरी दूब के गलियारे में खेल रही है धूप कबड्डी, क्यारी में गुलमोहर खिलता खोल रहा कलियों की गड्डी। पेड़ों की पुलुई पर चौसर, खेल रही है पासा फेंक सुनहरी लाली। लगता तो है कुछ-कुछ ऐसा हवा […]

दे विरह वेदना कौन ? तड़पा गया, बन के छलिया,छल के कहां चला गया। मैं बिलखती हृदय में यूँ संताप ले, अश्रु गिरते नयन के हैं अब बह चलें। कौन दुष्यन्त बनकर हमारा नयन, दे गया यूँ निशानी न लगता है मन॥ कौन परदेशिया लूट सब कुछ गया, इस अभागिन […]

गिरकर उठना,उठकर चलना, यह काम है संसार का। कर्मवीर को फर्क न पड़ता, कभी जीत और हार का॥ जो भी होता है घटनाक्रम, रचता स्वयं विधाता है। आज लगे जो दंड वही, पुरस्कार बन जाता हैं॥ निश्चित होगा प्रबल समर्थन, अपने सत्य विचार का। कर्मवीर को फर्क न पड़ता, कभी […]

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  जुल्फों में बादलों की घटाओं का फसाना, आंखों में इंद्रजाल का मंजर है सुहाना, चेहरे का नूर कीमती हीरे से कम नहीं- सम्मुख तुम्हारे चांद भी लगता है पुराना। #डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी ‘नीरव’ Post Views: 572

मेरी राय में धर्म एक जीवन दृष्टि है। सभी प्राणियों से श्रेष्ठतर संवेदनशील मानव की। अपने सर्वोत्तम की खोज उसे पाने का प्रयत्न एवं आत्म साक्षात्कार के रूप में उस परम शक्ति की अनुभूति यही है धर्म का ध्येय। मानव मन की विभिन्न रुचियों के अनुसार कई मत-मतान्तर प्रचलित है। विभिन्न नदियों का मार्ग अलग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।