चला गया २०१७, निकालते रहो निष्कर्ष लो आ गया २०१८ नव वर्ष। किसी को मिला दुःख किसी को मिला हर्ष, किसी का भरा रहा किसी का रहा खाली पर्स, किसी की जिंदगी आसानी से आगे बढ़ी किसी का खत्म न हुआ संघर्ष, किसी के अपने छूटे किसी के सपने टूटे, […]

अरमानों के पंख लगा के, नूतन वर्ष का अभिनंदन हो। पलकों के दिल द्वार खुले और, मुस्कानों से फिर चन्दन हो॥ करें कामना सबका भला हो, क्षमाशील हो दिल जो जला हो। आँखों में खुशियों के हों आँसू, आज हृदय में न क्रंदन हो॥ सेवा का संकल्प हो दिल में, […]

नए साल की गर्माहट में, पुरानी सर्द यादों को न भूल पाएंगे हम। नए वसंत की खुशबू में, पुराने मसले फूलों को न भूल पाएंगे हम। नई बहार के राग में, पुरानी सिसकती आहों को न भूल पाएंगे हम। नई घटा की बारिश में, बेबस बरसते आंसू को न भूल […]

सतरहवें साल की रजनी इक उम्र के पड़ाव पर, रातभर ठिठकी खड़ी रही जवानी और बचपन की, दहलीज पर अड़ी रही। सोचकर बस इक दिवस शेष शर्म से जड़ी रही, सिहरती लरजती अपने ही स्वेद में (ओस)जकड़ी रही। भोर की गतिविधियों से बेखबर निरंतर पिघलती रही, दिवस का स्वागत भी […]

तारीख,महीना,साल बदल जाते हैं, परन्तु नहीं बदलती हमारी दिनचर्या। कैलेण्डर बदलने की बधाईयां, एक औपचारिकता का एहसास… इसके सिवाए कुछ भी तो नहीं, मनाना ही है अगर नया साल… दिनचर्या में लाएं नया बदलाव, किसी का दिल न दुखाने का बदलाव… गैर को अपना बनाने का बदलाव, देश के लिए […]

कहते हो यार तुम कि नया साल आ गया, कहते हो मुबारक हो नया साल आ गया। हम हो रहे हैं बूढ़े,कदम बढ़ रहे आगे, दीवार से निकली हुई ईंटों से यूं झांके दीवार से जो ईंट निकले,ईंट कम होगी, परिवार से निकला तो सबकी आंख नम होगी… ये शब्द […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।