वक्त का पहले से…मारा हूँ मैं। आसमाँ से टूटता…तारा हूँ मैं॥ घूमने की कामना…जगती रही। क्यूँ कहें सब आज आवारा हूँ मैं॥ जिसको चाहा वो नहीं मिलती मुझे। बस उसी से आज तक हारा हूँ मैं॥ क्यूँ नहीं मिलती…मंजिल मुझे। बस नदी की भटकी-सी धारा हूँ मैं॥ जिन्दगी तो खार […]

न मनुस्मृति जलाईए,न संविधान जलाईए। जलाना है अगर कुछ तो नफरत जलाईए॥ मिटा दिजिए भेदभाव,धर्म- जाति के नाम पर, प्रतिभाओं को बचाना है,तो आरक्षण जलाईए॥                 #अ.कीर्तिवर्धन परिचय : अ.कीर्तिवर्धन का जन्म १९५७ में हुआ है। शामली (मुज़फ्फरनगर)से आपने प्राथमिक पढ़ाई करके बीएससी मुरादाबाद से […]

तुम नेहनयन की आशा हो, तुम जीवन की परिभाषा हो। तुम हो देवी गीतों की, तुम देवी प्रीत प्रतीतों की। तुम इन आँखों का पानी हो, तुम बचपन और जवानी हो। तुम ख्वाब बड़ा ही प्यारा हो, तुम सच्चा एक सहारा हो। तुम भूख प्यास में जीती हो, तुम अश्रु […]

ऐसे मरते जाएंगे कैसे हो निर्माण देश का, जहाँ गुरु ही हो लाचार। महीनों वेतन के लाले हों, चाहे कितना रहे बीमार। सभी सुविधाएँ भोग रहे हैं, सत्ता जिनके हाथों में। ला देंगे फिर से सड़कों पर, धमकाते हैं बातों में। वो क्या समझे दर्द किसी का, जो करते हैं […]

2

खिजा के फूल से झर रहे हैं पल। जिन्दगी की डाल से, खुद से हैं सवाल से…? रास्ते भटक गए हैं… मोड़ पर अटक गए हैं। शाम-सी तमाम है, जिन्दगी की चाल भी। रुके-रुके कदम कहीं, झुका-सा आसमान भी। अंधकार छा गया…, रजनी बन आ गया…। जुगनू चमक उठे, तारे […]

पराधीन हो जीना इस जग में किसको भाता है, लेकिन काजल को हर दिन आंखों में सोना आता है। कानों की बाली भी,कानों से बंधकर बजती है। हर युवती की नाक की नथिया भी वहीं पे सजती है। हार भी हंसकर सहज गले का प्यार यहां बन जाता है। कमरधनी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।