(जन्मदिन 29 दिसम्बर पर विशेष) हिंदी सिनेमा के पहले महासितारा राजेश खन्ना अब हमारे बीच नहीं हैं,लेकिन अपने सशक्त अभिनय के ज़रिए उन्होंने कामयाबी की जो बुलंदियां हासिल कीं,वह हर किसी को नसीब नहीं हो पाती है। २९ दिसम्बर १९४२ को पंजाब के अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली […]

सपनों का संसार बसाया, हमने तेरी बातों पर… तुझको ही घरबार बनाया, हमने तेरी बातों पर…l    पर न जाने क्या तेरे मन में, जो न आया तू जीवन में… तुझको ही दरबार बनाया, हमने तेरी बातों पर…l    संग चलने के कसमे-वादे, तेरे ऐसे-कैसे ये नेक इरादे… तुझको ही […]

इस तरह हम जो उजालों में नहीं आएंगे, हम तेरे चाहने वालों में नहीं आएंगेl   उनको कहने का नहीं देंगे कभी भी मौका, फिर कभी ऐसे सवालों  में नहीं आएंगेl  दर्द बस ये है मुझे भूल गए हैं वो भी, अब कभी उनके ख्यालों में नहीं आएंगेl  उनको हर […]

1

सगर हृदय इच्छा जागी मैं चक्रवर्ती सम्राट बनूं, अश्वमेध यज्ञ मैं करवाकर,कुल और वंश जयवंत करूं। साठ हजार पुत्र मेरे,भला मुझको कौन हराएगा, अश्वमेध का घोड़ा मेरी,विजय ध्वजा फहराएगाll सिंहासन जब हिला इंद्र का सगर की पूजा मंत्रों से, ऋषि कुटी में बांधा अश्व को,इंद्र ने अपने तंत्रों से। देख […]

इन्दौर। लेखन परंपरावादी नहीं होना चाहिए,वरन मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। सतीश दुबे जी का लेखन मानवतावाद पर आधारित रहा है,क्योंकि वो कभी किसी अंधी दौड़ में शामिल नहीं हुए। यह बात मुख्य अतिथि डॉ.कृष्णा अग्निहोत्री ने कही। अवसर था सृजन संवाद और श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा लघुकथा के […]

हमारी ही तरह तुम भी मरोगे, चिता की आग में तुम भी जलोगे। किसी के वास्ते कांटे न बोओ, इसी चकरोड पर तुम भी चलोगे। उसी दिन से तुम्हारी कद्र होगी, तुम अपनी बात जिस दिन कह सकोगे। जमाने में दया पाने के डर से, किसी के पांव तुम कब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।