आज बदलते हालातों पर अंकुश कब लगाएंगे, नहीं कोई फौलादी तो महल सरीके गिर जाएंगे। तुम आज विदेशी बन बैठे,हिन्दी बड़ी बताते हो, भूल गए आजादी क्या,गुलामी भाषा अपनाते हो। आज बड़े हैं ठाठ तुम्हारे तो,इंग्लिश की पुस्तक है, तुम हिंदी न बोल पाते हो,ऐसी बेढंग […]